नवरात्रि के 7वें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा, जानें विधि, मुहूर्त, मंत्र

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शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सातवीं तिथि को नवरात्रि का सातवां दिन होता है. इस साल नवरात्रि का सातवां दिन 9 अक्टूबर बुधवार को है. मां दुर्गा ने रक्त-बीज का संहार करने के लिए कालरात्रि स्वरूप धारण किया था. श्याम वर्ण की चार भुजाओं वाली देवी मां कालरात्रि खुले बालों में साक्षात् काल के समान दिखती हैं. गर्दभ पर सवार होती हैं. उनके हाथों में कटार और व्रज होता है. इस वजह से उनका नाम कालरात्रि है. हालांकि वे अपने भक्तों को शुभ फल देती हैं, इसलिए वे शुभंकरी भी हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग और महत्व के बारे में.

शारदीय नवरात्रि सातवां दिन 2024 मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन सौभाग्य योग सुबह में 06:37 बजे तक है. उसके बाद से शोभन योग बन रहा है. मां कालरात्रि की पूजा शोभन योग में किया जाएगा. इस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:40 ए एम से 05:29 ए एम तक है.

नवरात्रि सातवां दिन: दिन का चौघड़ियां मुहूर्त
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 06:18 ए एम से 07:46 ए एम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 07:46 ए एम से 09:13 ए एम तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 10:41 ए एम से 12:08 पी एम तक
चर-सामान्य मुहूर्त: 03:03 पी एम से 04:30 पी एम तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 04:30 पी एम से 05:58 पी एम तक

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मां कालरात्रि पूजा मंत्र
1. क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
2. ज्वाला कराल अति उग्रम शेषा सुर सूदनम।
त्रिशूलम पातु नो भीते भद्रकाली नमोस्तुते।।
3. या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कालरात्रि का प्रिय भोग
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को पूजा के समय गुड़ का भोग लगाएं. इससे मां दुर्गा प्रसन्न होंगी और आपकी मनोकामनाएं पूरी कर देंगी.

मां कालरात्रि का प्रिय फूल
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान रातरानी, लाल रंग का गुड़हल और लाल गुलाब का फूल चढ़ाना चाहिए. ये फूल मां कालरात्रि को प्रिय हैं.

मां कालरात्रि की पूजा विधि
नवरात्रि के सातवें दिन सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर पूजा पाठ करें. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करें. सबसे पहले मां कालरात्रि को गंगाजल से स्नान कराएं. फिर उनका अक्षत्, फूल, फल, कुमकुम, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजन करें. इस दौरान मां कालरात्रि के मंत्रों का उच्चारण करें. उसके बाद मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाएं. पूजा का समापन मां कालरात्रि की आरती से करें.

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मां कालरात्रि की पूजा के फायदे
1. मां कालरात्रि दुश्मनों का दमन करने वाली देवी हैं. उनकी पूजा करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्त होता है.
2. अकाल मृत्यु, अनजाने भय आदि से मुक्ति के लिए भी मां कालरात्रि की पूजा करते हैं.
3. जिस व्यक्ति को अदम्य साहस और पराक्रम की जरूरत होती है, उसे मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए.

मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।

Tags: Dharma Aastha, Durga Puja festival, Navratri festival, Religion

FIRST PUBLISHED :

October 9, 2024, 06:15 IST

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