दुबई. इजरायल ने बेरुत हमले में बड़ी सफलता हासिल की है. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के साथ ही ईरान की प्रीमियम इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के एक टॉप कमांडर को भी ढेर कर दिया है. ईरानी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है. ईरान ने घोषणा की कि रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक प्रमुख जनरल की भी बेरूत में हुए उस हवाई हमले में मौत हो गई, जिसमें हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह मारा गया. ईरानी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी.
जानकारी के अनुसार, इजरायल के हमले में IRGC का टॉप कमांडर जनरल अब्बास निलफोरुशान भी मारा गया है. ईरान के लिए यह ताजा क्षति है. कुछ महीनों पहले ही राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. यह ईरान के लिए नवीनतम क्षति है, जबकि गाजा पट्टी में लगभग एक साल से चल रहा इजराइल-हमास युद्ध क्षेत्रीय संघर्ष बनने की कगार पर है. उनकी मौत से ईरान पर जवाबी कार्रवाई का दबाव और बढ़ गया है. हालांकि, तेहरान ने हाल के महीनों में संकेत दिया है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंधों के संबंध में पश्चिमी ताकतों के साथ बातचीत करना चाहता है.
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‘ईरान को कार्रवाई का अधिकार’
ईरान के सरकारी अखबार ‘तेहरान टाइम्स’ की खबर के अनुसार, 58 वर्षीय अब्बास निलफोरुशान की शुक्रवार को लेबनान में उस हमले में मौत हो गई, जिसमें नसरल्लाह भी मारा गया. सरकारी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, ईरानी ज्यूडिशियरी के उप प्रमुख अहमद रजा पोर खगान ने भी निलफोरुशान की मौत की पुष्टि की और उन्हें लेबनान के लोगों का अतिथि बताया. खगान ने कथित तौर पर यह भी कहा कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है. निलफोरुशान गार्ड में ऑपरेशन के लिए डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते थे, जो कि इसके जमीनी बलों की देखरेख करने वाली भूमिका थी. शुक्रवार को लेबनान में वह क्या कर रहे थे, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया. गार्ड के अभियानों को अंजाम देने वाली कुद्स फोर्स ने दशकों से इजराइल और अमेरिका के प्रति संतुलन के रूप में क्षेत्रीय मिलिशिया पर भरोसा करने की अपनी रणनीति के तहत हिज्बुल्लाह को हथियार और प्रशिक्षण दिया है.
ईरान का मुख्य दुश्मन
IRGC के कमांडर निलफोरुशान इजराइल को ईरान का मुख्य दुश्मन मानते हैं, लंबे समय तक देश का मजाक उड़ाते रहे और उसकी आलोचना करते रहे. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने निलफोरुशान की पहचान रिवोल्यूशनरी गार्ड में ऑपरेशन के लिए डिप्टी कमांडर के रूप में की थी. अमेरिका ने साल 2022 में उनपर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि उन्होंने एक ऐसे संगठन का नेतृत्व किया, जो सीधे विरोधियों के दमन के लिए जिम्मेदार था, जिसने पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान विरोधी नेताओं को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. प्रतिबंध ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच लगाए गए थे, जिन्हें पुलिस की पसंद के अनुसार कथित तौर पर हिजाब नहीं पहनने के कारण गिरफ्तार किया गया था.
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FIRST PUBLISHED :
September 28, 2024, 23:52 IST