नहीं देखे होंगे ऐसे ‘जज साहब’, कोर्ट भी अपना, स्‍टाफ भी अपना, यूं लगाया चूना

2 hours ago 1

हाइलाइट्स

अहमदाबाद कोर्ट के सिविल जज के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी.कोर्ट के रजिस्‍ट्रार की लिखित शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.फेक कोर्ट लगाकर यह शख्‍स लोगों को ठगी का शिकार बनाता था.

नई दिल्‍ली. फर्जी पुलिस वाला बनकर ठगी की घटनाएं अक्‍सर देखी या सुनी गई हैं. फर्जी आईपीएस या आइएएस अधिकारी बनकर ठीक की वारदातें भी देश में खूब हो चुकी हैं लेकिन क्‍या कभी सुना है कि एक व्‍यक्ति ने फर्जी कोर्ट लगाकर लोगों को चूना लगाया हो. जी हां, गुजरात के अहमदाबाद में एक शख्‍स ने ऐसा ही किया. अहमदाबाद पुलिस ने सोमवार को एक व्यक्ति के खिलाफ फर्जी मध्यस्थता ट्रिब्‍यूनल चलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. इस फर्जी ट्रिब्‍यूनल की मदद से गांधीनगर निवासी 37 वर्षीय मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन साल 2019 से 2024 के बीच कई फर्जीवाड़े कर चुका है. आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी, सरकारी कर्मचारियों को गलत जानकारी देने सहित अन्य धाराओं में उसे अरेस्‍ट किया गया है.

अहमदाबाद के करंज पुलिस स्टेशन में सिविल जज हार्दिक देसाई द्वारा लिखित शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई. हार्दिक देसाई मौजूदा वक्‍त में अहमदाबाद की सिविल कोर्ट में रजिस्ट्रार हैं. शिकायत में कहा गया कि उन्होंने अहमदाबाद के सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के जज जेएल चोवटिया के निर्देश पर शिकायत दर्ज कराई है. धोखाधड़ी का पता शहर के सिविल कोर्ट में बाबूजी ठाकोर नामक व्यक्ति द्वारा दायर एक सिविल आवेदन की कार्यवाही के दौरान चला, जिसमें पालडी इलाके में सरकारी जमीन के एक हिस्से पर अधिकार का दावा किया गया था. यह सिविल केस अहमदाबाद के कलेक्टर के खिलाफ दायर किया गया था. ठाकोर ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 के तहत मॉरिस द्वारा धोखाधड़ी से उन्हें दिए गए दावे का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने मध्यस्थ के रूप में काम किया और ठाकोर को 2019 में जमीन के हिस्से के असली मालिक के रूप में दावा पुरस्कार दिया.

तैयार किया कोर्ट-रूम का सेटअप
स्थानीय पुलिस द्वारा जारी किए गए एक नोट के अनुसार, “मॉरिस ने खुद को मध्यस्थ होने का दावा किया, अपने मुवक्किलों के लिए झूठे दावे बयान दिए और गांधीनगर में स्थापित की गई नकली अदालत में पूरी मध्यस्थता कार्यवाही की. उनकी नकली अदालत की कई तस्वीरों में मॉरिस को ट्रिब्‍यूनल के जज की तरह कोर्ट रूम में बैठे हुए दिखाया गया है. उस रूम को असली कोर्टरूम देने का प्रयसा किया गया है. एफआईआर में कहा गया है, “उसने कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और खुद को न्यायाधीश के रूप में रखकर अदालत का माहौल बनाया. उसने खुद ही मामले दायर किए, आदेश पारित किए और आवेदकों को करोड़ों की कीमत की जमीन का मालिक बनाने की कोशिश की.”

एक दर्जन झूठे दावों की जांच
पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे मॉरिस द्वारा अपने मुवक्किलों को दिए गए कम से कम एक दर्जन झूठे दावों की जांच कर रहे हैं. पिछले साल, कई करोड़ रुपये के सरकारी धन की ठगी करने के बाद छह फर्जी सरकारी कार्यालयों का भंडाफोड़ किया गया था. इसी तरह, मोरबी जिले में फर्जी टोल बूथ चलाने और यात्रियों से जबरन वसूली करने के आरोप में पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया था.

Tags: Ahmedabad latest news, Ahmedabad News, Crime News

FIRST PUBLISHED :

October 22, 2024, 14:17 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article