मुज़फ्फरपुर. अगर आपके अंदर जुनून, प्रतिभा और कुछ बड़ा करने की चाह है, तो कोई भी मुसीबत आपको आपकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. यह बात बिहार के मुजफ्फरपुर की शुभांगी सिन्हा पर बिल्कुल सही बैठती है. आर्थिक तंगी के बावजूद, शुभांगी ने अपने जुनून और मेहनत के दम पर बैडमिंटन में एक खास मुकाम हासिल किया है.
शुभांगी मुजफ्फरपुर के बटलर इलाके की रहने वाली हैं. उन्होंने 2012 में बैडमिंटन खेलना शुरू किया, और 2014 में सब जूनियर स्टेट ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में रनर-अप रहीं. इसके बाद नेशनल लेवल पर भी खेल चुकी हैं. जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में अंडर-15 और अंडर-17 कैटेगरी में सेमीफाइनल तक पहुंची थीं. 2017 में बिहार स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में सिंगल्स में रनर-अप और डबल्स में विजेता बनीं. 2018 में भी उन्होंने डबल्स में जीत हासिल की थी.
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बच्चों को बैडमिंटन की दे रही ट्रेनिंग
शुभांगी के पिता, रमेश चंद्र सिन्हा, भारत वैगन में कर्मचारी थे, लेकिन 2015 में रिटायर होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. इस मुश्किल समय में शुभांगी की मां, अर्चना सिन्हा, ने प्राइवेट ट्यूशन और प्ले स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया ताकि शुभांगी का बैडमिंटन खेलने का सपना पूरा हो सके. स्थिति में बहुत सुधार न होने पर शुभांगी नोएडा चली गईं, जहां वे प्रकाश पादुकोण स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और रामाज्ञा स्कूल में बच्चों को बैडमिंटन की ट्रेनिंग दे रही हैं. शुभांगी ने लोकल 18 को बताया कि चोट और आर्थिक समस्याओं के कारण उनका खेल कुछ समय के लिए रुक गया था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. अब वह फिर से बैडमिंटन कोर्ट में लौटने वाली हैं. वह ओडिशा की संबलपुर यूनिवर्सिटी में 22 से 25 अक्टूबर तक होने वाली ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी बैडमिंटन चैंपियनशिप में बिहार विश्वविद्यालय की ओर से हिस्सा लेंगी. इस प्रतियोगिता में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों की टीमें भाग लेंगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 17:01 IST