Last Updated:January 31, 2025, 08:29 IST
Mahakumbh Mela 2025: झांसी से 10 लोगों के साथ आई एक महिला जिनका नाम राजसू है. वो अपने लोगों से भीड़ में बिछड़ गईं और भटकते-भटकते प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक पहुंच गईं.
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश पुलिस के सब-इंस्पेक्टर ने बुजुर्ग महिला को अपनों तक पहुंचाया.
- महिला अपने परिवार के सदस्यों के साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने आई थी.
Mahakumbh News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले आधी रात को हुई भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. आधी रात को संगम तट पर अचानक से चीख-पुकार मच गई, जिसकी उम्मीद वहां पर मौजूद आला अधिकारी से लेकर ड्यूटी पर तैनात पुलिस और सेना के जवानों की भी नहीं थी. लेकिन यह हादसा हुआ और लोगों की जान चली गई. वहीं कई लोग खो गए. लेकिन इन खोए हुए लोगों के लिए मसीहा बनकर आए सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान
महाकुंभ में हर रोज लाखों करोड़ों लोग पहुंच रहे हैं, जिसमें से कई लोग बिछड़ गए. हालांकि इन बिछड़े हुए लोगों को उनके अपनों से मिलाने वाले कुछ देवदूत भी मेले में हैं, जो खोए हुए लोगों की मदद कर रहे हैं. उनमें से एक हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान. झांसी से 10 लोगों के साथ आई एक महिला जिनका नाम राजसू है. वो अपने लोगों से भीड़ में बिछड़ गईं और भटकते-भटकते प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक पहुंच गईं. लेकिन चुनौती इस बात को लेकर थी कि महिला के पास ना मोबाइल था ना अपने किसी भी जानकार का मोबाइल नंबर याद था. इस महिला ने ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान को सिर्फ शहर और गांव का नाम बताया.
रेलवे स्टेशन के बाहर ड्यूटी पर तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान ने एक तरकीब से इस महिला को बिछड़े हुए ग्रुप से मिलवा दिया, जिसके लिए उन्होंने एक App की मदद ली.
App में महिला के गांव प्रधान का नाम और कांटेक्ट नंबर दर्ज है. पहले मोहम्मद शमीम ने ग्राम प्रधान से कांटेक्ट किया और फिर प्रधान से परिवार का नंबर मिल गया, जिसके बाद वो महिला अपने परिवार से सम्पर्क कर पाई और बिछड़े हुए परिजनों से मिल गई. महिला ने कहा मोहम्मद शमीम खान उसके लिए देवदूत से कम नहीं है.
First Published :
January 31, 2025, 08:29 IST
नाम-शमीम खान, काम- सब इंस्पेक्टर, भीड़ में खोई महिला के लिए कैसे बन गए देवदूत?