नोएडा सेक्टर 99 में एक हाई-राइज सोसायटी में किराए पर रहने वाले लड़के-लड़कियों से परिवार की सहमति का प्रमाण पत्र मांगा गया है। सोसायटी के अध्यक्ष ने मकान मालिकों से कहा है कि जिन लोगों ने अविवाहितों या अविवाहित जोड़ों को फ्लैट किराए पर दिए हैं, वे अपने किरायेदारों से कहें कि वे विवाह प्रमाण पत्र या परिवार से सहमति पत्र जमा करें। यह कदम 23 वर्षीय लॉ स्टूडेंट की मौत के बाद उठाया गया है, जो इस साल 11 जनवरी को सेक्टर 99 में सुप्रीम टॉवर सोसायटी की 7वीं मंजिल से गिरकर मर गई थी। इस मामले की जांच चल रही है।
सुप्रीम टावर्स अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एसटीओए) के सचिव एसएस कुशवाह ने कहा, "यह बोर्ड की राय नहीं है, अध्यक्ष वी एन सुब्रमण्यम ने इसे खुद ही प्रसारित किया है।" सुप्रीम टावर्स सोसायटी के अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वी एन सुब्रमण्यम ने 21 जनवरी को फ्लैट मालिकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने सभी फ्लैट मालिकों से 31 जनवरी तक या उससे पहले एसोसिएशन के कार्यालय में उक्त दस्तावेज जमा करने को कहा।
ईमेल में क्या लिखा?
ईमेल में कहा गया है, "कुंवारे लोगों (लड़के या लड़की) को किराए पर देने वाले फ्लैट मालिकों को पता और परिवार के सदस्यों की मंजूरी सहित विस्तृत जानकारी जमा करना सुनिश्चित करना चाहिए। अगर कुंवारे लड़के-लड़की साथ रह रहे हैं, तो उन्हें अपने परिवार से विवाह प्रमाण पत्र या औपचारिक स्वीकृति पत्र जमा करना होगा। ये उपाय सुरक्षा और सोसायटी में सद्भाव बनाए रखने के लिए लागू किए गए हैं।" नाम न बताने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा "कुंवारे लोग अपने माता-पिता के फर्जी प्रमाण पत्र देते हैं और उसी आधार पर वे किराएदार बन जाते हैं। कुछ समय बाद कुछ दुर्घटनाएं हो जाती हैं। यह एक अच्छा निर्णय है, क्योंकि इससे सोसायटी में अनावश्यक उपद्रव रुकेगा।"
किरायेदारों को कोई दिक्कत नहीं
सोसाइटी में रहने वाले एलएलबी के एक छात्र ने कहा, "उन्हें सुरक्षा जांच पर भी ध्यान देना चाहिए और रात में उपद्रव मचाने वालों को चेतावनी देनी चाहिए। इससे कुछ किराएदारों द्वारा मचाए जाने वाले अनावश्यक उपद्रव में कमी आएगी और दूसरों पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा, जो शांति से रह रहे हैं। सोसायटी के टावर 3 में रहने वाले एक अन्य छात्र ने कहा "इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। मैं अपने दोस्तों के साथ रहता हूं और नियमों का पालन करता हूं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।"
सोसायटी के सचिव कुशवाहा ने कहा, "यह बोर्ड की राय नहीं है, अध्यक्ष ने इसे खुद ही प्रसारित किया है। बोर्ड द्वारा इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं है, इसलिए यह बोर्ड का आधिकारिक रुख है।" (इनपुट- पीटीआई)