मधेपुरा : जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में बिहार के मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड अंतर्गत रामपुर लाही गांव के मो हनीफ की मौत हो गई. दअरसल, एक साल पूर्व 45 वर्षीय मो. हनीफ मजदूरी करने के लिए जम्मू कश्मीर गए थे. वह नवंबर में अपने घर आने वाले थे, घटना से ठीक पहले हनीफ ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की और कहा कि खाना खा कर आते हैं लेकिन हनीफ वापस नहीं आए. बाद में हनीफ के परिवार को फोन के माध्यम से उन्हें ये सूचना मिली कि आतंकी हमले में हनीफ को गोली है जिससे उनकी मौत हो गई. जैसे ही ये खबर परिजन को कानों तक पहुंचती है तो मानो परिवार में कोहराम मच गया. हनीफ के दो बेटियां थी. बड़ी बेटी की शादी हो चुकी थी. छोटी बेटी की शादी होना बाकि है. हनीफ की पत्नी रो-रोकर कह रही है कि अब मेरी बेटी की शादी कैसे होगी. घर को कौन संभालेगा.
मो. हनीफ की पत्नी समीदा खातून ने बताया कि लगभग डेढ़ साल पहले उनके पति जम्मू कश्मीर गए थे. वहां वह एपको इंफ्राटेक प्राइवेट कंपनी में पेंटर का काम कर रहे थे. वहां पेंटिंग का काम लगभग समाप्त हो गया था और अगले महीने वह वापस लौटने वाले थे. घटना से ठीक पहले उनसे बात हुई जिसमें कहा कि खाना खा कर आते है साथ ही बताया था कि इस बार घर आने पर छोटी बेटी की शादी करेंगे और घर भी बनाएंगे. लेकिन रविवार की शाम में वहां काम कर रहे एक मजदूर ने फोन कर बताया कि आतंकवादी हमले में मो. हनीफ की मौत हो गई है.
2.5 साल पहले हुई थी बड़ी बेटी की शादी
मो. हनीफ की पत्नी समीदा खातून ने बताया कि लगभग ढाई साल पहले उनकी बड़ी बेटी रुकसाना खातून की शादी हुई थी, जिसका 2 लाख रुपए कर्ज अभी भी बाकी है. अब छोटी बेटी सजदा खातून की भी शादी करनी है. पति की मौत से उनके ऊपर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है. वह लोगों से यही कहती है कि अब उनकी जिंदगी कैसे कटेगी. उन्होंने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की.
स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि पारसमणी आजाद ने कहा कि मो. हनीफ बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं. आतंकवादी हमले में उनकी मौत से दु:ख का पहाड़ टूट पड़ा है. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को 15 लाख मुआवजा देने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बिहार में रोजगार की सुविधा होती तो यहां के मजदूरों को दूसरे प्रदेश नहीं जाना पड़ता.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 20:13 IST