Last Updated:January 20, 2025, 22:09 IST
Palamu Kisan Mela: पलामू किसान मेले में कई किसानों ने अपने स्टॉल लगाए और तरह-तरह की फसलों के बारे में बताया. पलामू में हुसैनाबाद के किसान प्रियरंजन सिंह ने काला गेहूं से लेकर काला चावल की प्रदर्शनी लगाई जो चर्चा में रही.
पलामू किसान मेले में लगा स्टाल.
पलामू: आज के समय में किसान जैविक के साथ आधुनिक खेती कर आगे बढ़ रहे हैं, जो किसानों की आय को बढ़ावा दे रही है. साथ ही अनेकों प्रकार की प्रजाति की फसलें करने से भी किसानों की अलग पहचान बन रही है. पलामू के किसान भी ऐसी चीजों की खेती कर रहे हैं, जो महानगरों तक डिमांड में हैं. इसी में एक है काला चावल, जो खासा चर्चा में है.
दरअसल, पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर शहर के शिवाजी मैदान में सोमवार को किसान मेला का आयोजन हुआ. मेले में किसानों ने फसल की प्रदर्शनी लगाई. कुछ ऐसे भी किसान मिले, जिन्होंने अनोखी प्रजाति की खेती जैविक विधि से की है. इसमें से एक किसान प्रियरंजन सिंह हैं, जो एफपीओ के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा भी दे रहे हैं.
काला नमक किरण से काला गेहूं तक की खेती
वीर कुंवर सिंह एफपीओ के डायरेक्टर प्रियरंजन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि हमारे साथ सैकड़ों किसान जुड़े हैं, जो अब रासायनिक के बजाय जैविक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो खेतों में काला नमक किरण, काला गेहूं, सोनमिति गेहूं, लाल धान, चिया सीड और कुसुम की खेती करते हैं. ये सामान्य धान और चावल के मुकाबले ज्यादा मुनाफे वाली फसल है. इन फसलों में कोलेस्ट्रॉल भी कम मात्रा में होता है, जो बीमारियों को दूर करता है.
महानगरों में डिमांड
उन्होंने बताया कि इन फसलों से उन्हें और किसानों को चार से पांच गुना तक मुनाफा मिलता है, जिसकी डिमांड दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों तक है. उन्होंने बताया कि वो इन प्रजाति की खेती इसलिए भी करते हैं, क्योंकि पलामू में नील गाय की बड़ी समस्या है. नीलगाय फसलों को पूरी तरह नष्ट कर देती हैं. ऐसे में किसानों को बेहद परेशानी होती है. इसके लिए वो पिपरमेंट और कुसुम की खेती करते हैं, जिसे नीलगाय नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जितने किसान हमसे जुड़ेंगे हम उन्हें बीज और विधि सब उपलब्ध कराएंगे.
Location :
Palamu,Jharkhand
First Published :
January 20, 2025, 22:09 IST