पाकिस्तान: संसद से साइबर कानूनों में विवादस्पद बदलाव को मिली मंजूरी, पत्रकारों ने किया विरोध

3 hours ago 1
पाकिस्तान में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता हुआ शख्स Image Source : AP पाकिस्तान में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता हुआ शख्स

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ ने बृहस्पतिवार को साइबर कानून में विवादास्पद बदलावों को मंजूरी दे दी। साइबर कानून में बदलाव के तहत फर्जी खबर फैलाने पर तीन साल तक की जेल और 20 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, विपक्षी दलों और सदन की कार्यवाही को कवर करने के लिए मौजूद पत्रकारों ने इसका बहिष्कार किया। 

PTI ने किया विरोध

इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण (संशोधन) विधेयक, 2025 को एक दिन पहले कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सदन में पेश किया था। इस विधेयक को संक्षिप्त रूप में ‘पेका’ भी कहा जाता है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद, पार्टी के संस्थापक इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में सदन से वॉकआउट कर गए। विपक्षी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के सांसदों ने भी विधेयक का विरोध किया।

पत्रकारों ने किया विरोध 

कार्यवाही को कवर करने के लिए संसद की दीर्घा में मौजूद संवाददाता भी विधेयक का विरोध करने के लिए सदन से वॉकआउट कर गए क्योंकि उनका मानना ​​है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। विरोध प्रदर्शन का आयोजन पार्लियामेंट्री रिपोर्टर एसोसिएशन ने किया था। 

नया प्रावधान है क्या?

विधेयक में, ऑनलाइन माध्यम से ‘फर्जी खबर’ फैलाने वालों को दंडित करने के लिए धारा 26(ए) के तहत एक नया प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘जो कोई भी जानबूझकर किसी सूचना प्रणाली के माध्यम से कोई सूचना प्रसारित, सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित या प्रसारित करता है, जिसके बारे में वह जानता है कि वह झूठी या फर्जी है और जिससे आम लोगों या समाज में भय या अव्यवस्था या अशांति पैदा होने की संभावना है, उसे तीन साल तक की कैद या 20 लाख पाकिस्तानी रुपये (7,150 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।’’ 

यह भी जानें

विधेयक में, सोशल मीडिया संरक्षण एवं विनियामक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया है, जो सोशल मीडिया से संबंधित विभिन्न कार्य करेगा, जैसे शिक्षा, जागरूकता, प्रशिक्षण, विनियमन आदि। यह विधेयक सीनेट या उच्च सदन द्वारा पारित किए जाने और फिर राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किए जाने पर कानून बन जाएगा। इसके अलावा, नेशनल असेंबली ने सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री शाजा ख्वाजा द्वारा पेश किए गए 'डिजिटल नेशन पाकिस्तान बिल, 2024' को भी पारित कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य नागरिकों के लिए एक डिजिटल पहचान बनाना है, ताकि सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक डेटा को केंद्रीकृत किया जा सके और पाकिस्तान को एक डिजिटल राष्ट्र में परिवर्तित किया जा सके, जिससे डिजिटल समाज, डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल शासन की व्यवस्था की जा सके। (भाषा)

यह भी पढ़ें:

पाकिस्तान की सरकार पर भड़के इमरान खान, बातचीत खत्म करने का किया ऐलान; जानें वजह

इराक में अब 9 साल की मासूम बच्चियों की भी हो जाएगी शादी, बदल गया वहां का कानून

Latest World News

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article