पितृ विसर्जन अमावस्या पर क्यों किया जाता है दान? ज्योतिषी से जानिए लाभ

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पितृ विसर्जन अमावस्या पर क्यों किया जाता है दान? ज्योतिषी से जानिए क्या मिलेगा लाभ

ओम प्रयास /हरिद्वार: हिंदू धर्म में पितृ विसर्जन अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और दान जैसे कर्मकांड किए जाते हैं. आश्विन मास में आने वाले पितृपक्ष के दौरान, पितरों को शांति प्रदान करने के लिए यह कर्मकांड 16 दिनों तक चलते हैं. पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है और इसके अंतिम दिन, पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन, पितृ अपने लोकों में वापस लौट जाते हैं. पितृ दोष को समाप्त करने और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए धार्मिक ग्रंथों में कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक पितृ विसर्जन अमावस्या पर दान करना भी है. माना जाता है कि इस दिन दान करने से जीवन के सभी संकट और बाधाएं दूर हो जाती हैं.

वेदों और पुराणों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों को याद नहीं किया है, तो पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन तर्पण, पिंडदान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. पितृ अमावस्या पर पितरों को स्मरण करने और दान करने से वे प्रसन्न होकर अपने लोकों को चले जाते हैं और अपने वंश पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं. इस वर्ष, 2024 में पितृ विसर्जन अमावस्या 2 अक्टूबर को है, और इस दिन दान करने से अमोघ फल प्राप्त होता है.

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इस दिन पिंडदान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि पितृ विसर्जन अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि पितृपक्ष के दौरान कोई पितरों को याद नहीं कर पाया, तो अमावस्या के दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से तर्पण करने पर विशेष फल प्राप्त होता है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि कर्मकांडों के बाद दान का महत्व सबसे अधिक बताया गया है. इस दिन पितरों की मनपसंद वस्तुएं दान करने से उन्हें शांति मिलती है और वे मोक्ष की ओर गमन करते हैं. दान करने से न केवल पितरों को शांति मिलती है, बल्कि दानकर्ता को भी विशेष लाभ मिलता है.

Tags: Dharma Aastha, Haridwar news, Local18

FIRST PUBLISHED :

September 24, 2024, 15:38 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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