पीएचडी कोर्स वर्क में देरी से छात्र परेशान, चार माह बाद भी प्रक्रिया अधूरी

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वीकेएसयू

वीकेएसयू में पीएचडी का कोर्स वर्क चार माह बाद भी शुरू नहीं,पीएचडी प्रवेश परीक्षा

भोजपुर रिपोर्ट: गौरव सिंह: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2022 का परिणाम जारी हुए चार महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोर्स वर्क की शुरुआत नहीं हुई है. इससे न केवल पीएचडी का सत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि सफल अभ्यर्थी भी असमंजस में हैं. परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी लगातार विभागों और विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोर्स वर्क शुरू होने को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही है.

इंटरव्यू प्रक्रिया बनी कोर्स वर्क में देरी का कारण
कोर्स वर्क की शुरुआत के लिए विभिन्न पीजी विभागों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों और नेट/जेआरएफ उम्मीदवारों का साक्षात्कार करना था. साक्षात्कार के आधार पर मेरिट तैयार कर कोर्स वर्क में विद्यार्थियों का नामांकन होना था. हालांकि, विश्वविद्यालय के कई विभाग अब तक इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके हैं.

कुछ विभागों ने इंटरव्यू कर लिया है, लेकिन चार-पांच विभागों में प्रक्रिया अभी भी अधूरी है. पीएचडी प्रवेश परीक्षा के अंक पत्र और टीआर विभागों को भेजे जा चुके हैं, लेकिन इंटरव्यू के बिना कोर्स वर्क की शुरुआत नहीं हो सकती.

कोर्स वर्क की प्रक्रिया
साक्षात्कार के बाद संबंधित विभाग सफल अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट तैयार कर विश्वविद्यालय को भेजते हैं. इसके बाद छात्र कल्याण कार्यालय कोर्स वर्क की तिथियों की घोषणा करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए कोर्स वर्क अब अगले माह से शुरू हो सकता है.

2021 की पीएचडी प्रक्रिया भी अधूरी
यह केवल 2022 की समस्या नहीं है. विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2021 की प्रक्रिया भी कई विभागों में अब तक लंबित है. कुछ विभाग पीजीआरसी (पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च काउंसिल) की बैठक तक नहीं कर पाए हैं. इससे कोर्स वर्क पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को गाइड आवंटित नहीं हो सका है.

मेरिट बनाने के मापदंड
इंटरव्यू प्रक्रिया में विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाता है. मेरिट सूची निम्नलिखित मानदंडों पर आधारित होती है:
– पीजी के अंकों पर: 70 अंक
– प्री-पीएचडी टेस्ट पर: 05 अंक
– जेआरएफ पर: 10 अंक
– साक्षात्कार पर: 20 अंक

सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 55% और आरक्षित श्रेणी के लिए 45% न्यूनतम योग्यता निर्धारित है.

छात्रों का इंतजार बढ़ा
छात्रों और शोधार्थियों के अनुसार, विश्वविद्यालय की धीमी प्रक्रिया उनके भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. वे उम्मीद कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा कर पीएचडी सत्र में स्थिरता लाएगा.

Tags: Bhojpur news, Bihar News, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 17:30 IST

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