पीलीभीत : बीते वर्ष एनटीसीए की ओर से बाघों की संख्या के आंकड़े सामने आए थे. जिसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 71 से अधिक बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई थी. अब पीलीभीत टाइगर रिज़र्व प्रशासन की ओर से विभागीय स्तर पर बाघ गणना की कवायद शुरू की जा रही है. यह गणना दो चरणों में पूरी की जानी है. बाघों की गणना करने के लिए घने जंगलों के बीच बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थानों में मौजूद पेड़ों पर ठीक सामने सामने 2 ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं. जिनमें लगा सेंसर किसी भी वन्यजीव के आने जाने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है.
उत्तरप्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व लगातार बढ़ती बाघों की संख्या के चलते इन दिनों वन्यजीव प्रेमियों व वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स की पहली पसंद बना हुआ है. बेहतर संरक्षण के दम पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वर्ष 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा 24 का था वहीं 10 वर्ष बाद 2024 में यह कुनबा 71 से भी अधिक हो गया है. जिसके लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व की झोली में TX2 अवॉर्ड, CATS अक्रेडिशन समेत कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिताब भी आ चुके हैं. एनटीसीए द्वारा वर्ष 2022 की बाघ गणना के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में तकरीबन 71 से भी अधिक बाघ हैं. 2024 में इस गणना के आंकड़ों का असल अनुमान लगाने के लिए पीटीआर प्रशासन अब अपने स्तर पर बाघ गणना शुरू करने जा रहा है.
इतने कैमरों से होगी निगरानी
बाघ गणना की प्रक्रिया के तहत पहला चरण 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. बाघ गणना के पहले चरण के तहत पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला, महोफ व दियुरिया रेंज में 201 ग्रिड पर 402 ट्रैप कैमरा लगाए जाएंगे. यह सभी ग्रिड बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थानों में होंगे. ट्रैप कैमरा में आए डाटा के आधार पर आंकलन किया जाएगा.
ऐसे की जाती है बाघ गणना
बाघों की गणना करने की प्रक्रिया जनगणना जितनी सरल नहीं होती. इसके लिए घने जंगलों के बीच बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थानों में मौजूद पेड़ों पर ठीक आमने-सामने 2 ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं. जिनमें लगा सेंसर किसी भी वन्यजीव के आने जाने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है. जिसके बाद एक तय समय तक कैमरे में कैद की गई तस्वीरों में से बाघों की तस्वीरों को अलग किया जाता है. बाघों की धारियां मानवों के फिंगरप्रिंट जैसे यूनिक होती हैं. बाघों के शरीर पर मौजूद धारियों की तस्वीरों के आधार पर विशेषज्ञ संख्या का अनुमान लगाते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 15:06 IST