देश में रीजनल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के मकसद से शुरू की गई क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना यानी उड़ान योजना को 10 साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। नागर विमानन मंत्री के.राममोहन नायडू ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, उड़ान योजना के आठ वर्ष पूरे होने के मौके पर मंत्री ने कहा कि उड़ान योजना से क्षेत्रीय विमानन कंपनियों को अस्तित्व में आने और विकास करने का मौका मिला। साथ ही रोजगार सृजन हुआ तथा पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
71 एयरपोर्ट चालू किए गए
खबर के मुताबिक, क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत 601 रूट और 71 एयरपोर्ट चालू किए गए। उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) का मकसद क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाना और विमान सेवा को अधिक किफायती बनाना है। मोदी सरकार ने इसे 21 अक्टूबर 2016 को 10 सालों के लिए शुरू किया गया था। मंत्री ने कहा कि इस योजना को अगले 10 सालों के लिए बढ़ाया जाएगा। नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने कहा कि मंत्रालय इस योजना के तहत वित्तीय व्यवहार्यता पहलुओं और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर विचार कर रहा है।
2024 में 157 हो गई हैं एयरपोर्ट की संख्या
मंत्रालय ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि कुल 86 एयरपोर्ट जिनमें 71 एयरपोर्ट, 13 हेलीपोर्ट और दो वाटर एयरड्रोम शामिल हैं, का संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे 2.8 लाख से अधिक फ्लाइट्स में 1.44 करोड़ से अधिक लोगों को यात्रा की सुविधा मिली है। वहीं देश में चालू एयरपोर्ट की संख्या 2014 में 74 से दोगुनी होकर 2024 में 157 हो गई है। सरकार का लक्ष्य 2047 तक 350-400 एयरपोर्ट शुरू करना है।