Last Updated:January 20, 2025, 20:49 IST
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही नाटो अब रूस को घेरने लगा है. रूस और उसके दोस्त बेलारूस के बॉर्डर पर हजारों सैनिक तैनात कर दिए गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के साथ ही नाटो (NATO) की नजर अब रूस की ओर घूम गई है. यूक्रेन में उसका ध्यान भटकाने के लिए नाटो रूस और उसके दोस्त बेलारूस के बॉर्डर पर सैनिकों का जमावड़ा कर रहा है. सैकड़ों की संख्या में स्वीडिश सैनिक शनिवार को लातविया पहुंचे और नाटो के पूर्वी मोर्चे पर कनाडा के नेतृत्व वाले ऑपरेशन में हिस्सा ले सकें. स्वीडन इसे सबसे खास ऑपरेशन बता रहा है. सैनिकों का यह जमावड़ा रूस को परेशान करने वाला है. क्योंकि लातविया की सीमा पूर्व में रूस और दक्षिण-पूर्व में रूस के दोस्त बेलारूस से लगती है.
रूस को इस बात का डर है कि अगर यहां से उसके खिलाफ कोई साजिश रची गई तो मजबूरन उसे जवाब देना पड़ेगा. और अगर ऐसा हुआ तो यूक्रेन युद्ध से उसका ध्यान बंटेगा, जिसका फायदा नाटो उठाने की कोशिश कर रहा है. करीब तीन महीने पहले पश्चिमी देशों के बॉम्बर भी इस इलाके में नाटो ने तैनात कर दिए थे. अब स्वीडन की सेना ने कहा कि 550 सैनिकों से भरा एक जहाज शनिवार सुबह लातविया की राजधानी रीगा के पोर्ट पर पहुंचा. इस जहाज को स्वीडिश एयरफोर्स और स्वीडिश एवं लातवियाई नेवी ने एस्कॉर्ट किया. स्वीडन ने कहा कि यह मिशन इलाके को बचाने के लिए है. हम इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं.
दोस्तों की रक्षा करने पर गर्व
लातविया पहुंचे 71वीं बटालियन के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल हेनरिक रोसडाहल ने कहा, हमें अपने दोस्तों की रक्षा करने के लिए भेजा गया है और हमें इस पर गर्व है. यह एक ऐतिहासिक दिन है, लेकिन यह सामान्य स्थिति नहीं है. स्वीडिश सैनिक नाटो के पूर्वी मोर्चे पर आठ ब्रिगेडों में से एक में शामिल हो रहे हैं. बटालियन रीगा के पास अडाजी शहर के बाहर तैनात है.
रूस का खौफ
स्वीडन मार्च में औपचारिक रूप से नाटो में शामिल हुआ था. इसके साथ ही वह ट्रांस-अटलांटिक सैन्य गठबंधन का 32वां सदस्य बन गया. सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद वह खुद तो तटस्थ मानता था और किसी का सपोर्ट नहीं करता था. लेकिन अब नाटो के साथ आने से वह पूरी तरह पश्चिमी देशों के गुट में शामिल हो गया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जिस तरह के हालात यूरोप में बने हैं, उसकी वजह से फिनलैंड भी पश्चिमी देशों के गुट में शामिल हो गया है.
First Published :
January 20, 2025, 20:49 IST