अहमदाबाद: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. इसके साथ जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए. आपने देखा होगा कि आरती के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं होती. आरती करने के बाद भगवान से आशीर्वाद लिया जाता है और प्रार्थना की जाती है.
आरती करने का सही तरीका
कई लोग खड़े होकर आरती करते हैं, जबकि कुछ लोग बैठकर आरती करते हैं. चलिए जानते हैं कि आरती खड़े रहकर क्यों करनी चाहिए. आरती करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है. माना जाता है कि इसके बिना पूजा अधूरी रहती है. आरती से घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है.
शास्त्रों के अनुसार आरती
शास्त्रों के अनुसार, खड़े होकर आरती करनी चाहिए, जिसे बहुत शुभ माना जाता है. इससे पूजा पूर्ण मानी जाती है और ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है. यह कहा जाता है कि जब हम खड़े होकर आरती करते हैं, तो हम ईश्वर के प्रति अपना सम्मान दर्शाते हैं. इसलिए, आरती खड़े होकर करनी चाहिए.
आरती के लाभ
भगवान के प्रति प्रार्थना करने से मन का बोझ हल्का हो जाता है. साथ ही, खड़े होकर आरती करने से व्यक्ति का क्रोध और अहंकार भी समाप्त हो जाता है. आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और यह घर के वातावरण को शुद्ध करती है. घर में रोजाना आरती करने से मन में शांति मिलती है. इसलिए आरती करना शुभ माना जाता है. यह भगवान के प्रति हमारा प्रेम भी दर्शाती है.
विशेष परिस्थितियों में आरती
ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिनको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, वे बैठकर भी आरती कर सकते हैं. आरती करने के लिए साफ और शुद्ध मन होना आवश्यक है. इस प्रकार, आरती करने से न केवल पूजा पूर्ण होती है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है. उम्मीद है, इस जानकारी से आपको आरती के सही तरीके और उसके महत्व के बारे में जानकारी मिली होगी
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 12:55 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.