पूर्वांचल के क्रिकेट खिलाड़ियों ने यूपीसीए से 25% कोटे की मांग की
गाजीपुर: पूर्वांचल के लेदर बॉल क्रिकेट खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) से 25% आरक्षण की मांग की है. उनका कहना है कि क्षेत्रीय खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय टीमों में उचित अवसर नहीं मिलते, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है. क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि 17 जिलों में आंदोलन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि पूर्वांचल के खिलाड़ियों के हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
वाराणसी जोन के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने यूपीसीए की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्वांचल के खिलाड़ियों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है. उनका आरोप है कि गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद जैसे शहरों और हरियाणा-दिल्ली के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है. वहीं, पूर्वांचल के प्रतिभाशाली खिलाड़ी चयन प्रक्रिया में पिछड़ जाते हैं.
सुविधाओं की कमी से पिछड़ते पूर्वांचल के खिलाड़ी
लोकल18 की टीम ने जिला स्तरीय क्रिकेटर ज्ञानेश्वर शर्मा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए न तो बुनियादी सुविधाएं हैं, न ही कोचिंग का उचित स्तर. लीग मैचों का आयोजन बहुत कम होता है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव का अभाव होता है. उन्होंने कानपुर में हुई चयन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि लाखों प्रतिभागियों में से एक भी खिलाड़ी पूर्वांचल से नहीं था. इसके पीछे क्षेत्रवाद और सुविधाओं की कमी को जिम्मेदार ठहराया.
सूर्यकुमार यादव का उदाहरण और सिस्टम की खामियां
गाजीपुर के क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव का उदाहरण देते हुए शर्मा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक ट्रेनिंग मुंबई में हुई थी, क्योंकि पूर्वांचल में क्रिकेट के बुनियादी संसाधन उपलब्ध नहीं थे. छोटे खिलाड़ी बॉलिंग मशीन, नेट, और अन्य उपकरण खुद खरीदने को मजबूर होते हैं.
खिलाड़ियों की मांग
पूर्वांचल के क्रिकेट खिलाड़ियों ने यूपीसीए से 25% आरक्षण लागू करने और सुविधाओं में सुधार की मांग की है. उनका कहना है कि क्षेत्रीय खिलाड़ियों को बराबर मौका दिया जाए ताकि वे भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 17:44 IST