लखनऊ : बंटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं.. नारों की चुनावों में ‘अपार सफलता’ के बाद अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कट्टर हिंदुत्व की राह पर तेजी से चल पड़े हैं. संविधान दिवस पर दिए अपने में उन्होंने सेकुलर ओर समाजवाद को लेकर अपनी राय जाहिर की, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि ‘मूल संविधान में सेकुलर, समाजवादी शब्द नहीं थे. इन्हें तो बाद में कांग्रेस ने चोरी छिपे डाला और जनता की भावनाओं का गला घोंटने का काम किया’. उनकी राय में ये दोनों शब्द संविधान में डाला जाना जनता के साथ धोखा था और उसकी भावनाओं के विपरित था. उन्होंने इस बात को लेकर कांग्रेस को खूब खरी खोटी सुनाई.
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया उन्हें जनता ने सबक सिखाया है. उनका इशारा हालिया चुनावों में बीजेपी की जीत को लेकर था. जिसका श्रेय उनके नारों ‘बंटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं..’ को दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि इन्हीं नारों ने हिंदुओं को राष्ट्रीय तौर पर एक होने के लिए प्रेरित किया, जिसका सीधा असर चुनावों पर पड़ा और बीजेपी को अच्छी सीटें मिलीं. महाराष्ट्र में तो उसकी सरकार बनी, राजस्थान और यूपी में भी अच्छी सीटें मिलीं. अब इसी से उत्साहित पार्टी आने वाले चुनावों में भी अपने हिंदुत्व एजेंडे को और मजबूत करने की दिशा में है. इसी की बानगी योगी के इस बयान में भी देखी जा रही है.
वह यही नहीं रुके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्र्रेस के उलट यह भाजपा की सरकार है, जिसने संविधान के प्रति लोगों की आस्था को मजबूत किया. जिन लोगों ने भारत के संविधान का गला घोंटने का काम किया था, जनता ने उनको भी सबक सिखाने में कोई कोताही नहीं बरती है.
उन्होंने कहा कि किसी भी संविधान या किसी भी पवित्र कार्यक्रम की आत्मा उसका उद्देश्य होता है, भारत का जो मूल संविधान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को दिया, जिसे भारत ने अंगीकार किया था, उसमें दो शब्द ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द भी नहीं था. कांग्रेस ने चोरी छिपे जब यह देश के नागरिक अधिकार निरस्त किए गए थे, देश में इमरजेंसी थी, तब इन दो शब्दों को भारत के संविधान में डालकर संविधान की आत्मा का गला घोंटने का काम कांग्रेस ने किया था.
उन्होंने कहा कि जो लोग देश की जनता को गुमराह करते हैं, उनकी भावनाओं के बारे में देश की जनता को जानने की जरूरत है. इनका चेहरा लोकतांत्रिक दिखता है, लेकिन वास्तव में लोकतांत्रिक है नहीं. यह अपनी उस तानाशाही फासीवादी मानसिकता के साथ काम करने वाले लोग हैं. जब भी इनको अवसर मिलेगा ये लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आएंगे.
सीएम योगी ने कहा कि इससे पहले 1975 रहा हो या फिर अब भारत के बाहर जाकर और भारत के अंदर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के द्वारा सामाजिक रूप से दलित अति पिछड़ी जाति के लोगों को मिले हुए संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने के बारे में किस प्रकार की टिप्पणियां ये लोग करते हैं यह आज किसी से छिपा नहीं है.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:21 IST