बक्सर के इसी घर में बीता प्रशांत किशोर का बचपन, पड़ोसियों ने सुनाई उनकी कहानी

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बक्सर: देश की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले प्रशांत किशोर का बचपन महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली में गुजरा है. उनकी शिक्षा-दीक्षा की स्थल भी वही बक्सर रहा है, जहां कभी त्रेता युग में पहुंचे भगवान श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण ने शिक्षा ग्रहण की थी तथा वह शक्ति प्राप्त की थी, जिससे वह राक्षसों का संहार कर सके. कहा यह भी जाता है कि बक्सर में महर्षि विश्वामित्र की देखरेख में शिक्षा ग्रहण करने के बाद अयोध्या के राजकुमार राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम बन गए.

इसी बक्सर नगर की आबो हवा में बचपन से नौजवानी तक का सफर पूरा करने के बाद देश की राजधानी दिल्ली निकले प्रशांत किशोर आज राजनीति के आकाश में वह चमकता हुआ सितारा है, जिनकी रोशनी से हर राजनेता रोशन होना चाहता है. लोकसभा के साथ-साथ कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने बिहार को बदलने की सोच के साथ पदयात्रा शुरू की, जो 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयंती पर ‘जन सुराज नामक पार्टी’ की स्थापना के साथ पूरी हुई.

प्रशांत किशोर का बचपन बक्सर में गुजरा. उनके पिता श्रीकांत पांडेय यहां सरकारी चिकित्सक थे. वह सरकारी चिकित्सालय में चीफ मेडिकल ऑफिसर थे. प्रशांत किशोर ने बक्सर के महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय से ही अपनी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा पूरी की, जिसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए बाहर चले गए बाहर जाने के बाद उन्होंने पिता के प्रोफेशन से अलग करियर चुना और आज बहुत की बुलंदियों पर पहुंचे हुए हैं, लेकिन बक्सर से जाने के बाद धीरे-धीरे उनका लगाव यहां से कम हो गया और अब तकरीबन 10 वर्षों से वह बक्सर स्थित अपने आवास पर आए ही नहीं है.

बक्सर के अहिरौली मोड़ से आगे राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर स्थित उनके मकान में जब लोकल 18 की टीम पहुंची, तो यहां मकान की केयरटेकर हीरा मोती मिले. पूछने पर उन्होंने बताया कि वह 10 वर्ष से ज्यादा समय से मकान की देखरेख करती है. दिल्ली में रहने वाले प्रशांत किशोर के भाई, चाचा आदि कभी-कभी यहां आते हैं, कुछ देर रुकते हैं, घूमते-फिरते हैं, फिर होटल में ही चले जाते हैं. प्रशांत किशोर भी 10 वर्ष पूर्व ही आए थे.

उसके बाद वह कभी यहां नहीं आए. हालांकि उनकी एक तस्वीर थी, जिसे देखकर उनका चेहरा उनके जेहन में रहता था, लेकिन वह तस्वीर भी पिछले दिनों बंदरों ने फाड़ दी. उनको बताया गया है कि 2025 में प्रशांत किशोर एक बार फिर बक्सर आएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें यह लगता है कि प्रशांत किशोर बिहार के सीएम बनेंगे? उन्होंने कहा कि एक दिन जरूर ऐसा होगा.

प्रशांत किशोर के पड़ोसी रवि राय ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वह बचपन से ही काफी मेधावी थे. हालांकि 10 वर्षों से ज्यादा समय से प्रशांत किशोर से मुलाकात नहीं हो पाई है, जब उन्होंने अपनी पदयात्रा शुरू की, तो इस बात की जानकारी मिली. यात्रा को काफी जन समर्थन भी मिला. आज जब उन्होंने पार्टी बना ली है, तो पार्टी में भी तमाम प्रबुद्धजन जुड़ रहे हैं, ऐसे में एक बात तो तय है कि प्रशांत किशोर एक न एक दिन बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि उनका पहला चुनाव होने की वजह से इस बार उन्हें बहुत ज्यादा सीटें ना मिलें, लेकिन अगले चुनाव तक वह भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे.

Tags: Bihar News, Buxar news, Local18, Prashant Kishor, Public Opinion

FIRST PUBLISHED :

October 4, 2024, 10:47 IST

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