*हिम्मत की सवारी: बच्चों की परवरिश के लिए ई-रिक्शा चलाने वाली मां की कहानी**
महिलाओं के लिए ई-रिक्शा चलाना समाज में सामान्य बात नहीं है, लेकिन अंजिरी ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया. बिना कि ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated : September 22, 2024, 16:56 IST
अदिति शुक्ला/ गाजियाबाद: जहां एक ओर महिलाओं को समाज में अक्सर घर संभालने का काम सौंपा जाता है, वहीं कुछ महिलाएं अपने हौसले और जज़्बे से समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए मिसाल कायम कर रही हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है अंजिरी जी की, जिन्होंने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ई-रिक्शा चलाने का साहसी कदम उठाया. उनका पति उनके साथ और बच्चों के साथ गलत व्यवहार करता था और घर का खर्चा भी कुछ नहीं देता था, जिसकी वज़ह से भी उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.
महिलाओं के लिए ई-रिक्शा चलाना समाज में सामान्य बात नहीं है, लेकिन अंजिरी ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया. बिना किसी पूर्व अनुभव के उन्होंने ई-रिक्शा चलाना सीखा और अब वह गाजियाबाद की सड़कों पर अपनी सवारी चलाती हैं. अंजिरी बताती हैं कि शुरुआत में लोगों ने ताने मारे, लेकिन मैं जानती थी कि मुझे अपने बच्चों का भविष्य सुधारना है.
बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए उठाया यह कदम
अंजिरी के इस साहसिक निर्णय का सबसे बड़ा कारण उनके बच्चों की शिक्षा और परवरिश है. वह चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर एक अच्छा जीवन जिएं. वह अपने बच्चों के स्कूल की फीस, किताबें और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हर दिन सड़कों पर घंटों मेहनत करती हैं. उनकी मेहनत का परिणाम है कि उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं और अपने भविष्य के सपने संजो रहे हैं.
समाज की सोच बदलने की जरूरत
अंजिरी की कहानी उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को दबा देती हैं. वह कहती हैं कि अगर महिलाएं हिम्मत करें, तो कोई भी काम उनके लिए मुश्किल नहीं है. समाज को भी हमारी कड़ी मेहनत को समझना चाहिए और हमारा समर्थन करना चाहिए. उनका मानना है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं और यह समय है कि समाज की सोच बदलें.
आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल
ई-रिक्शा चलाना न सिर्फ अंजिरी की जीविका का साधन बना, बल्कि उनके लिए आत्मनिर्भरता की पहचान भी है. उनकी यह हिम्मत न सिर्फ उनके परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दे रही है कि महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं.
अंजिरी की यह कहानी उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो विपरीत परिस्थितियों में अपने परिवार का सहारा बनने का हौसला रखती हैं. उनके इस साहसिक कदम ने यह साबित कर दिया है कि हिम्मत और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 16:56 IST