प्राचीन समय में इसी तरह से दादी नानी अपने बच्चों को ठीक करती थी
मथुरा: बच्चों के पेट में कीड़े होना एक आम बात है. ऐसे बच्चों के पेट में पड़े हुए कीड़ों का उपचार कैसे प्राचीन समय में किया जाता था. यह हम दादी-नानी के नुस्खे से सीखेंगे. बता दें कि जिस तरह से पेट में बच्चों के कीड़े पड़ते हैं, उन कीड़ों को मारने के लिए कई उपचार करने पड़ते हैं. ताकि बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त हमेशा बना रहे.
प्राचीन समय में दादी-नानी बच्चों को करती थी ठीक
बच्चा जन्म लेने के बाद जैसे-जैसे बड़ा होता है, वैसे-वैसे ही उसे कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. कहीं जुकाम, तो कहीं बुखार, तो कहीं पेट में कीड़े पड़ जाते हैं. बच्चा विचलित होने लगता है. प्राचीन समय में बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए घरेलू नुस्खे आप बनाए जाते थे और बच्चा कुछ ही समय में तंदुरुस्त और हंसता खेलता हुआ नजर आता था. जैसे-जैसे समय परिवर्तित होता गया. वैसे ही बच्चों को अब डॉक्टर के पास ले जाते हैं और उसका उपचार करते हैं.
रामबाण से कम नहीं थी यह घूटी
आज हम आपको जिन घरेलू उपाय के बारे में बता रहे हैं. वह उपाय रामबाण से काम नहीं हैं. जिन उपायों को आप अगर घर में बच्चों के ऊपर बीमार होने पर या उनके पेट में कीड़े पड़ जाने पर करते हैं, तो आपके लिए बेहद ही सफल इलाज कारगर साबित होते हैं. 60 वर्षीय स्थानीय महिला मीना देवी से जब लोकल 18 ने बात की तो उन्होंने बताया कि प्राचीन समय में जब बच्चे बीमार हो जाते थे या उनके पेट में कीड़े पड़ जाते थे, तो कई तरह के उपचार किया करते थे.
उन्होंने बताया कि अमलतास की फली की घुटी बनाते थे और यह घुटी बच्चों को पिलाते थे. घुटी बनाने की प्रक्रिया बहुत ही सरल रहती थी. घुटी को बनाते समय उसमें नमक, अमलतास की फली, चीनी, हींग डालने के बाद इस घुटी को बनाया जाता था.
ये उपचार होते हैं बेहद ही कारगर
उन्होंने बताया कि बच्चों के पेट के कीड़े छोटे बच्चों के पेट में हों, तो सुबह एवं शाम को प्याज का रस गरम करके 1 तोला पिलाने से कीड़े अवश्य मर जाते हैं. धतूरे के पत्तों का रस निकालकर उसे गरम करके गुदा पर लगाने से चुन्ने (लघु कृमि) से आराम हो जाता है. उपचार बच्चों के लिए कारगर साबित होते हैं और बच्चों को डॉक्टर के पास भी नहीं ले जाना होता है. प्राचीन समय में इस तरह से दादी नानी अपने बच्चों को ठीक करती थी.
नोट: लोकल 18 ऐसे किसी भी तरह का कोई भी दवा नहीं करता है. बुजुर्ग महिला मीना द्वारा दिए गए अपने बयान एक व्यक्तिगत बयान है. लोकल 18 का इस बयान से कोई सरोकार नहीं है.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 19:19 IST