समस्तीपुर. दिव्यांशु भूषण की कहानी न केवल उनके क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह देशभर के उन युवाओं के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करती है, जो यह मानते हैं कि बड़ी सफलता केवल बड़े शहरों में ही हासिल की जा सकती है. समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर प्रखंड क्षेत्र के बाजितपुर गांव के दिव्यांशु ने अपनी शिक्षा ग्रामीण परिवेश से शुरू की और आल इंडिया स्टाइपेंडरी ट्रेनी (श्रेणी-2) परीक्षा में जूनियर वैज्ञानिक सहायक बी पद पर एससी श्रेणी में अखिल भारतीय रैंक में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
इस सफलता से न केवल उनके परिवार को गर्व है, बल्कि उनके क्षेत्र में भी खुशी की लहर है. दिव्यांशु की कड़ी मेहनत और लगन ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो और सही दिशा में मेहनत की जाए, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विद्यापतिनगर हाई स्कूल मऊ बाजिदपुर दक्षिण और इंटरमीडिएट की परीक्षा उगन त्रिवेणी कॉलेज चमथा से की है. उनके माता-पिता भी इस सफलता पर अत्यधिक खुश हैं और उनका मानना है कि उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही यह उपलब्धि संभव हुई है. अब दिव्यांशु का सपना है कि वे इसरो में वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करें, जो उनके भविष्य के लिए एक नया और प्रेरणादायक लक्ष्य है.
क्या कहते है जूनियर वैज्ञानिक दिव्यांशु भूषण
दिव्यांशु भूषण ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए लोकल 18 से बातचीत में कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई थी. उन्होंने बताया कि शुरुआती समय में उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करें, तभी उन्होंने आईसीएस (इंडियन साइंटिफिक सर्विस) जॉइन किया और वहां कई वैज्ञानिक सेमिनारों में भाग लिया. इन सेमिनारों में आए वैज्ञानिकों से उन्होंने पूछा कि क्या वे उनके जैसा बन सकते हैं, और इन वैज्ञानिकों ने उन्हें सही मार्गदर्शन दिया. दिव्यांशु ने बताया कि उनके मार्गदर्शन के कारण ही वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि उनका सपना है कि वे इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) में काम करें, और इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया है.कई एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के बाद, वे इसरो में काम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
Tags: Bihar News, Education news, Local18, Samastipur news
FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 16:35 IST