शुक्रवार को मार्गशीर्ष शिवरात्रि, लक्ष्मी पूजा से बढ़ेगा धन, जानें मुहूर्त

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आज का पंचांग, 29 नवंबर 2024: मार्गशीर्ष शिवरात्रि शुक्रवार को है. इस दिन मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी तिथि, स्वाति नक्षत्र, शोभन योग, वणिज करण, पश्चिम का दिशाशूल और तुला राशि में चंद्रमा है. सुबह 08:39 बजे से चतुर्दशी तिथि लग जाएगी. चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाते हैं. मार्गशीर्ष शिवरात्रि का व्रत है. दिनभर पूजा पाठ होगा. शिवरात्रि पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:43 बजे से देर रात 12:37 बजे तक है. शिवरात्रि को भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत्, शहद, शमी के पत्ते, शक्कर, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर शिव चालीसा और शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें. उसके बाद शिव जी की आरती करें. शिवरात्रि के दिन व्रत और पूजा करने से कष्ट मिटते हैं. शिव कृपा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है. शिवरात्रि के दिन पाताल की भद्रा है, जिसका प्रारंभ सुबह 08:39 बजे से है.

शुक्रवार के दिन व्रत रखकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. माता लक्ष्मी को लाल रंग के फूल, कमल पुष्प, लाल गुलाब, कमलगट्टा, लाल सिंदूर, अक्षत्, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाते हैं. लक्ष्मी जो को पीली कौड़ियां अर्पित करते हैं. मखाने या फिर चावल से बनी खीर का भोग लगाते है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के धन, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है. शुक्रवार को शुक्र ग्रह के मंत्रों का जाप करना भी लाभदायक होता है. शुक्र दोष से मुक्ति के लिए सफेद वस्त्र, इत्र, दूध, चावल, सौंदर्य सामग्री आदि का दान कर सकते हैं. वैदिक पंचांग से जानते हैं सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त, भद्रा, राहुकाल, दिशाशूल आदि.

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आज का पंचांग, 29 नवंबर 2024
आज की तिथि- त्रयोदशी – 08:39 ए एम तक, उसके बाद चतुर्दशी
आज का नक्षत्र- स्वाति – 10:18 ए एम तक, उसके बाद विशाखा
आज का करण- वणिज – 08:39 ए एम तक, विष्टि – 09:38 पी एम तक, फिर शकुनि
आज का योग- शोभन – 04:34 पी एम तक, उसके बाद अतिगण्ड
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- तुला – 06:03 ए एम, नवम्बर 30 तक, फिर वृश्चिक

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:55 ए एम
सूर्यास्त- 05:24 पी एम
चन्द्रोदय- 05:59 ए एम, नवम्बर 30
चन्द्रास्त- 03:54 पी एम

मार्गशीर्ष शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
शिवरात्रि पूजा मुहूर्त: 11:43 पी एम से 12:37 ए एम, नवम्बर 30
ब्रह्म मुहूर्त: 05:07 ए एम से 06:01 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:48 ए एम से 12:30 पी एम
विजय मुहूर्त: 01:54 पी एम से 02:36 पी एम
अमृत काल: 02:56 ए एम, नवम्बर 30 से 04:42 ए एम, नवम्बर 30
गोधूलि मुहूर्त: 05:21 पी एम से 05:48 पी एम

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दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 06:55 ए एम से 08:14 ए एम
लाभ-उन्नति: 08:14 ए एम से 09:32 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 09:32 ए एम से 10:51 ए एम
शुभ-उत्तम: 12:09 पी एम से 01:28 पी एम
चर-सामान्य: 04:05 पी एम से 05:24 पी एम

रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 08:47 पी एम से 10:28 पी एम
शुभ-उत्तम: 12:10 ए एम से 01:51 ए एम, नवम्बर 30
अमृत-सर्वोत्तम: 01:51 ए एम से 03:33 ए एम, नवम्बर 30
चर-सामान्य: 03:33 ए एम से 05:14 ए एम, नवम्बर 30

अशुभ समय
राहुकाल- 10:51 ए एम से 12:09 पी एम
गुलिक काल- 08:14 ए एम से 09:32 ए एम
यमगण्ड- 02:47 पी एम से 04:05 पी एम
दुर्मुहूर्त- 09:01 ए एम से 09:43 ए एम, 12:30 पी एम से 01:12 पी एम
भद्रा: 08:39 ए एम से 09:38 पी एम
भद्रा वास: पाताल में
दिशाशूल- पश्चिम

रुद्राभिषेक के लिए शिववास
भोजन में – 08:39 ए एम तक, उसके बाद श्मशान में.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 19:02 IST

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