पटना. भले ही बिहार में बीते कई सालों से अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर परिवारवाद के मुद्दे को लेकर हमलावर रही है. लेकिन, बिहार में परिवारवाद के बिना राजनीति की कल्पना करना एक तरह से असंभव सा दिखता है. चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा दोनों ही समय परिवारवाद का पूरा फ्लेवर चुनाव में नजर आता है. दरअसल बिहार में होने वाले उप चुनाव को लेकर RJD के साथ दूसरी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है.
वहीं उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में परिवाद को लेकर बयानबाजी और बहस तेज हो गयी है. जहां एक ओर जेडीयू (JDU) एमएलसी (MLC) नीरज कुमार ने आरजेडी (RJD) पर परिवारवाद की परंपरा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है तो वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने जेडीयू नेता नीरज कुमार पर प्लटवार करते हुए कहा कि JDU के लोग हमे ज्ञान न दें. वे लोग अपने दामन में झांक लें.
कौन सही-कौन गलत?
वहीं हम प्रवक्ता विजय यादव ने अपने नेता जीतन राम मांझी पर लालू यादव के नक्शे कदम पर चलने वाले आरोप को बेबुनियाद करार दिया है. विजय यादव का कहना है कि हमारे पार्टी के संसदीय बोर्ड के बैठक के बाद ही संतोष मांझी की पत्नी दीपा सुमन को इमामगंज से उम्मीदवार बनाया है. इन सभी के बीच बीजेपी (BJP) प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने भी आरजेडी पर परिवारवाद की परंपरा को आगे बढ़ाने की बात कही है. इन सब के बीच हाल ही में राजनीतिक पार्टी के रूप लेने वाली पार्टी जन सुराज की प्रवक्ता सदफ इकबाल ने आरजेडी के साथ साथ एनडीए घटक दल जेडीयू और बीजेपी के प्रत्याशियों पर भी सवाल उठाया है.
किस पार्टी ने किसे बनाया उम्मीदवार?
तरारी से BJP ने विशाल प्रशांत को अपना उम्मीदवार बनाया है. विशाल प्रशांत जेडीयू के पूर्व विधायक सुनील पांडे के बेटे हैं.
आरजेडी रामगढ़ सीट से अजीत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. अजीत सिंह जगदानंद सिंह के पुत्र हैं. सुधाकर सिंह के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी.
आरजेडी ने ने बेलागंज सीट से विश्वनाथ यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. विश्वनाथ यादव सांसद सुरेन्द्र यादव के बेटे हैं.
आरजेडी ने इमामगंज से रोशन कुमार मांझी उर्फ़ राजेश मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
जेडीयू ने बेलागंज से बाहुबली पूर्व विधायक मनोरमा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
तरारी सीट से CPIML ने राजू यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.
इस वजह से हो रहे उपचुनाव
बता दें, बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उन चारों सीटों पर साल 2020 में चुने गये विधायक इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए हैं. जिस वजह से यहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इन सीटों के पूर्व विधायक सुधाकर सिंह, सुदामा प्रसाद, सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बक्सर, आरा, जहानाबाद और गया चुनाव लड़ा और सांसद बने.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 15:49 IST