मोहन ढाकले, बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक अनोखी और पुरानी परंपरा चल रही है, जिसमें बालिकाएं एक महीने तक बुला बाई और भूलजो बुआ की पूजा अर्चना करती हैं. यह परंपरा करीब 100 वर्षों से चली आ रही है और इसकी कहानी भगवान शंकर और पार्वती से जुड़ी हुई है. इस दौरान बालिकाएं हर शाम गीत गाकर आरती करती हैं और प्रसाद बांटती हैं.
बालिकाओं की अनूठी पूजा
बुरहानपुर के शिकारपुरा क्षेत्र में रहने वाली दिव्या काले ने लोकल 18 को बताया कि यह परंपरा उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है. बालिकाएं भगवान शंकर और पार्वती के प्रतीक स्वरूप बुला बाई और भूलजो बुआ की एक महीने तक पूजा करती हैं. शाम के समय सभी बालिकाएं मिलकर गीत गाती हैं, आरती करती हैं और प्रसाद का वितरण करती हैं. इस पूजा की खास बात यह है कि प्रसाद को एक बंद डिब्बे में रखा जाता है, और जिसे यह प्रसाद जीतता है, उसे सबसे पहले प्रसाद दिया जाता है.
पूनम के दिन चांदनी चौक में उत्सव
पूजा के एक महीने बाद, पूनम (पूर्णिमा) के दिन चांदनी चौक यानी खुले आसमान के नीचे इस पूजा का समापन होता है. बुजुर्ग महिला फूला बाई ने बताया कि उस दिन बालिकाएं गरबा रास करती हैं और फिर पूजा के बाद प्रसाद बांटती हैं. यह उत्सव बालिकाओं के लिए विशेष रूप से प्रिय होता है क्योंकि यह एक महीने तक चलता है और उनके लिए यह सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है.
यह परंपरा बुरहानपुर की संस्कृति और धार्मिक विश्वासों का एक अनूठा हिस्सा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 17:05 IST