बुरी शक्तियों से बचाता है ये प्राचीन पौधा! आयुर्वेद के लिए मानो वरदान

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आक

आक के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं 

जयपुर:- हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को भी भगवान माना जाता है, ऐसा ही एक अति प्राचीन पौधा आक है, जो आयुर्वेद और धार्मिक के हिसाब से बहुत उपयोगी है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने Local 18 को बताया कि आक का पौधा भगवान शिव को प्रिय है. इसलिए भगवान शिव की पूजा में आक के पौधे के फूलों को शामिल किया गया है. यह पौधा छोटा और छत्तेदार होता है.

आक के पौधे पर मोटे हल्के रंग के बरगद के पेड़ की तरह पत्ते आते हैं. इसे स्थानीय भाषा में आकड़ा कहा जाता है. इसके पत्ते पकने पर पीले हो जाते हैं और फूल छोटे गुच्छों के रूप में दिखाई देते हैं. इसके फल आम की तरह होते हैं, जिसे “डोडिया” कहा जाता है. इसकी शाखा तोड़ने पर दूध जैसा सफेद रंग का गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता है. इस पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. यह हर मिट्टी में उग जाता है. आक के पौधे को औषधिय गुणों की खान कहा गया है.

आक के औषधीय गुण
आयुर्वेद डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने लोकल 18 को बताया कि आक में अनेक औषधीय गुण मौजूद हैं. आयुर्वेद में आक की छाल, पत्ते व इनके पुष्प का अर्क दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है. इसके पत्तों में कैलोट्रोपिन जैसे यौगिक होते हैं, जो दर्द को कम करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा आक के पत्तों में एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो कई बीमारियों से बचाता है.

वहीं इसके पत्तों का इस्तेमाल तेल के साथ करने से सूजन कम होती है. इसलिए शरीर की सूजन दूर करने में इस पौधे का बड़ा महत्व है. आक में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण चोट में तुरंत राहत पहुंचाते हैं. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी चोट लगने पर आक का उपयोग करते हैं. आक के पत्तों का इस्तेमाल बवासीर के घाव किया जाता है. इसे लगाने से दर्द में आराम मिलता है और घाव जल्दी भरने लगता है.

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आक के धार्मिक महत्व
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि आक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पौधा है, जिसका उपयोग हिंदू धर्म में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में किया जाता है. इसके फूलों और पत्तों का विशेष महत्व शिव पूजा में होता है. भगवान शिव को आक के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है और इससे उनकी कृपा प्राप्त होती है. आक का पौधा तंत्र साधना में भी उपयोग किया जाता है. तांत्रिक साधनाओं और पूजा में आक की जड़ और इसके अन्य अंगों का विशेष स्थान होता है.

धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि आक को बुरी शक्तियों से रक्षा करने वाला पौधा माना जाता है. इसे घर के बाहर या मंदिर के आसपास लगाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है. इसके अलावा, इसके पत्ते और फूल विभिन्न मंत्रों और यज्ञों में भी अर्पित किए जाते हैं.

Tags: Health News, Health tips, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

October 21, 2024, 12:47 IST

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