Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 06, 2025, 19:28 IST
Brij ki Holi : बृज में गुलाल की मांग अभी से बढ़ गई है. यहां आम लोगों से ज्यादा गुलाल का प्रयोग मंदिर करते हैं. गुलाल की डिमांड इतनी अधिक है कि दूसरे जिलों से मंगाना पड़ रहा है. कारोबारियों ने भी गुलाल का स्टॉक क...और पढ़ें
होली पर आने वाले श्रद्धालु सबसे से गुलाल खरीदते हैं
हाइलाइट्स
- बृज में होली के लिए 600 टन गुलाल की मांग.
- मंदिरों में उपयोग होगा अरारोट से बना शुद्ध गुलाल.
- गुलाल की कीमत में इस बार कोई बढ़ोत्तरी नहीं.
मथुरा. बसंत पंचमी के बाद से बृज में गुलाल की मांग बढ़ गई है. इसी के साथ गुलाल का कारोबार भी रफ्तार पकड़ने लगा है. ब्रज में लोक जीवन से ज्यादा गुलाल का प्रयोग मंदिरों में होने वाले होली उत्सवों में होता है. होली पर आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले गुलाल खरीदते हैं. यही वजह है कि कारोबारियों ने अभी से गुलाल का स्टॉक करना शुरू कर दिया है.
‘उड़त गुलाल लाल भयै बदरा’ की कहावत पहले सिर्फ मंदिरों तक सीमित थी, लेकिन अब ब्रजभूमि पर मंदिरों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले होली के कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रही है. मंदिरों में तो बसंत पंचमी से ही गुलाल की वर्षा शुरू हो जाएगी, जो दिन-प्रतिदिन परवान चढ़ती जाएगी. मंदिरों में अरारोट से तैयार शुद्ध गुलाल की वर्षा होती है. फिलहाल फैक्ट्रियों में तैयार हो रहे अरारोट के शुद्ध और ताजे गुलाल की आपूर्ति मंदिरों में की जा रही है.
यहां के कारोबारी भी इस गुलाल के आर्डर बुक कर रहे हैं. मथुरा में अरारोट का हर्बल गुलाल रात-दिन तैयार हो रहा है. धूप की तेजी को देखते हुए गुलाल निर्माताओं ने कारीगर भी बढ़ा दिए हैं. हर्बल गुलाल 65 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. इस बार गुलाल की कीमतों में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. खानपान की वस्तुओं पर भले ही मंहगाई का असर हो, लेकिन गुलाल की कीमत में इस बार कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है.
क्या बोले कारोबारी
कारीगर गोकुल रेस्टोरेंट के पास फैक्ट्री में गुलाल तैयार करने में जुटे हुए हैं. गुलाल कारोबारी शैलेंद्र चतुर्वेदी बताते हैं कि वे 27 साल से इस कारोबार से जुड़े हैं. ब्रज की होली में मथुरा ही नहीं आसपास के जिलों से भी भारी मात्रा में गुलाल आता है. एक अनुमान के मुताबिक, यहां 40 दिनी फागोत्सव में 600 टन गुलाल उड़ जाता है. सबसे ज्यादा डिमांड लाल और गुलाबी गुलाल की है. इसके बाद हरे रंग का गुलाल पसंद किया जाता है.
मथुरा में तीन फैक्ट्रियों में गुलाल बनाने का काम चल रहा है. गुलाल की सबसे ज्यादा आपूर्ति हाथरस से होती है. यहां गुलाल बनाने के कई बड़ी यूनिट हैं. मथुरा में हाथरस और फिरोजाबाद से भी गुलाल मंगाया जाता है. कुछ ब्रांडेड कंपनियां भी भारी मात्रा में गुलाल की मार्केटिंग में उतर आई हैं.
Location :
Mathura,Uttar Pradesh
First Published :
February 06, 2025, 19:28 IST
बृज की होली में उड़ेगा कई क्विंटल गुलाल, गलियां कहेंगी- उड़त गुलाल लाल भयै बदरा