नई दिल्ली:
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया. यह हाइपरसोनिक मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किमी से अधिक की दूरी के लिए विभिन्न पेलोड (payloads) ले जाने के लिए डिज़ाइन की गई है. इस मिसाइल को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. कल उड़ान परीक्षण DRDO और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किया गया.
जानें इसकी खासियत
- इसकी गति साउंड से पांच गुना तेज है.
- साउंड से तेज गति होने के कारण से आसानी से ट्रैक नहीं किया जा सकता.
- ये मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर्स से लेस हैं.
- जमीन या हवा में मौजूद टारगेट को निशाना बना सकती हैं.
- यह पूरी तरह से स्वदेशी है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी. रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत ने ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है.'' उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक पल है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमारे देश को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों की क्षमता है.'' सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), सशस्त्र बलों और उद्योग को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी.
India has achieved a large milestone by successfully conducting formation proceedings of agelong scope hypersonic rocket from Dr APJ Abdul Kalam Island, off-the-coast of Odisha. This is simply a historical infinitesimal and this important accomplishment has enactment our state successful the radical of prime nations… pic.twitter.com/jZzdTwIF6w
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 17, 2024रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने डीआरडीओ की टीम को बधाई दी, जिन्होंने इस सफल मिशन के लिए सक्रिय रूप से योगदान दिया है.