चंडी माता मंदिर
राजनांदगांव: जिले के बम्हनी सुकुलदैहान गांव में स्थित भूगर्भा मां चंडी माता का मंदिर 150 साल से अधिक पुराना है. इस मंदिर में माता की भव्य मूर्ति स्थापित है, जहां दोनों नवरात्रि पर्वों पर विशेष विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां माता के दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर के मार्ग पर स्थित है और बम्लेश्वरी के दर्शन करने वाले श्रद्धालु भी यहां रुककर भूगर्भा मां चंडी माता की पूजा जरूर करते हैं.
मंदिर का इतिहास और आस्था
मंदिर के पुजारी मदन दास वैष्णव ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि यह मंदिर लगभग 150 साल से अधिक पुराना है. मान्यता है कि माता ने गांव के एक बैगा को स्वप्न में दर्शन दिए थे और उन्हें सूचित किया कि वह इस स्थान पर स्थापित हैं. जब गांववासियों ने इस स्थान की खुदाई की, तो यहां माता की मूर्ति प्राप्त हुई. इस मूर्ति को दूसरी जगह स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ. तभी से यहां नियमित रूप से माता की पूजा की जाती है और मान्यता है कि यह मूर्ति निरंतर बढ़ रही है. माता की पूजा विधि-विधान से होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
विशेष पूजा और ज्योति कलश की स्थापना
हर साल दोनों नवरात्रि पर्व पर भूगर्भा मां चंडी माता के मंदिर में विशेष पूजा की जाती है. नौ दिनों तक माता की विभिन्न रूपों में श्रृंगार किया जाता है और ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते हैं. भजन-कीर्तन के साथ भक्त माता की पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, जिनमें से अधिकांश डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए आए हुए होते हैं. वे यहां भी रुककर भूगर्भा मां चंडी माता के दर्शन करते हैं, क्योंकि यह मान्यता है कि माता उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.
मंदिर की प्राचीनता और अद्वितीयता
स्थानीय निवासी रमेश कुमार साहू ने बताया कि यह मंदिर अपने आप में विशेष है क्योंकि मान्यता है कि मां चंडी की मूर्ति भूमि से प्रकट हुई है. यह क्षेत्र के लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र है और यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि माता उनके जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं. इस मंदिर की पहचान क्षेत्र में भूगर्भा मां चंडी मंदिर के रूप में है और यह स्थान अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.
भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक
राजनांदगांव जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर में साल भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. विशेषकर नवरात्रि के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है. मंदिर में माता की मूर्ति के साथ उनके दो बच्चों की भी मूर्तियां देखी जा सकती हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं. श्रद्धालुओं की आस्था है कि माता के दर्शन मात्र से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. भूगर्भा मां चंडी माता का यह प्राचीन मंदिर, भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है और यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 7, 2024, 17:53 IST