Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 08, 2025, 21:54 IST
भोपाल की एक कलाकार पिछले 25 साल से पत्थरों पर अपनी अनोखी कला दिखा रही हैं. रविंद्र भवन में चल रहे लोकरंग कार्यक्रम में उनकी कला को देखा जा सकता है. वह साधारण पत्थरों पर खूबसूरत चित्र बना देती हैं. लोकल 18 के जर...और पढ़ें
स्टोन आर्ट से बने चित्र दाम में भी बेहद कम हैं.
भोपाल: राजधानी भोपाल की एक ऐसी कलाकार जो पिछले 25 सालों से पत्थरों पर अद्भुत कला करती आ रही हैं. शहर के रविंद्र भवन में चल रहे लोकरंग कार्यक्रम में उनकी इस कला को देखा जा सकता है. वह पत्थरों पर बेहद खूबसूरत चित्र उकेर देती हैं. लोकल 18 के माध्यम से जानिए आखिर कैसा रहा उनका अब तक का सफर.
लोकल 18 से बात करते हुए स्टोन आर्ट करने वाली प्रीति सिसोदिया ने बताया कि वह पिछले 25 सालों से ज्यादा समय से यह कार्य करते हुए आ रही हैं. वह बताती है कि इसकी शुरुआत हमने भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने से की थी. इसके बाद धीरे-धीरे लोगों की डिमांड पर हमने अलग-अलग तरह की मूर्तियों पर काम करना शुरू किया. सबसे पहले हमने अलग-अलग भगवान की मूर्तियां बनाना शुरू की, जिसके बाद गिफ्ट के तौर पर इन्हें बनाया गया.
प्रीति बताती है कि इसमें मेरे पति ने मेरा बखूबी साथ निभाया और आज हम दोनों को मिलकर यह कार्य करते हुए 25 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. पत्थर पर नक्काशी (Stone Art) करने के लिए सबसे पहले छेनी और हथौड़े से पत्थर को आकार में ढ़ाला जाता है. इसके बाद इस पर धीरे-धीरे जो भी चित्र बनाना है उसके आकार में छेनी-हथौड़े की मदद से चित्र बनाया जाता है.
एक मूर्ति में लगभग 2 दिन का समय
प्रीति ने बताया कि स्टोन आर्ट से तैयार की जाने वाली एक मूर्ति को बनाने में लगभग डेढ़ से दो दिन का समय लग जाता है. क्योंकि यह कार्य हमें खुद को आता है तो हमें इसके लिए किसी दूसरे कारीगर की जरूरत नहीं पड़ती है.
दाम 200 से 700 तक
स्टोन आर्ट से बनाए गए इन खास मूर्तियों के दाम की बात करें तो यह बेहद कम होती हैं. इसकी शुरुआत 200 रुपए से होती है, जिसका अधिकतम दाम 700 रुपए तक पहुंच जाता है. हालांकि मॉल्ड पर बनाई जाने वाली मूर्तियों के दाम ज्यादा होते हैं. इनकी शुरुआत 400 रुपए से लेकर 3,000 रुपए तक होती है.
Location :
Bhopal,Madhya Pradesh
First Published :
February 08, 2025, 21:54 IST
भोपाल की अनोखी कलाकार: पत्थरों पर अद्भुत चित्रकारी, कला को दे रही नई पहचान