25 से 40 तक तक होती है ऊँटों की उम्र. (अनुराग पाण्डेय)
भोपाल: ऊँट, जिसे अक्सर “रेगिस्तान का जहाज” कहा जाता है, अपनी विशालकाय कद-काठी और कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है. आमतौर पर ऊँट राजस्थान और अन्य रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, लेकिन अब आप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी ऊँट की सवारी का आनंद ले सकते हैं. ऊँट अपने लंबे सफर और सामान ढोने की क्षमता के कारण रेगिस्तानी इलाकों में विशेष रूप से लोकप्रिय है.
भोपाल में ऊँट की सवारी का आनंद
भोपाल में ऊँट की सवारी का आनंद लेने के लिए आपको एक दिन का किराया केवल 8 से 10 हजार रुपये देना होगा. ऊँटों को शादी, पार्टी, या किसी अन्य कार्यक्रमों के लिए किराए पर बुलाया जा सकता है. यह शाही सवारी आपको ऊँट की अनूठी विशेषताओं और इसकी शान का अनुभव कराएगी.
ऊँटों की खासियत
ऊँट गर्म और रेतीले इलाकों में बिना पानी के कई दिनों तक जीवित रह सकता है. ऊँट बिना पानी पिए 7 दिनों तक रह सकता है और रेगिस्तान में 21 दिनों तक लगातार चल सकता है. यह जानवर सामान ढोने और सवारी के लिए खास तौर पर उपयोगी है. ऊँट अपने खाने में चना को बहुत पसंद करता है और एक बार में 10 से 20 किलो तक चना खा सकता है.
ऊँटों को राजस्थान से बाहर ले जाने के नियम
राजस्थान, जो भारत में ऊँटों का सबसे प्रमुख राज्य है, ने 2015 में Rajasthan Camel Act के तहत ऊँट को राज्य पशु का दर्जा दिया. इस कानून के तहत ऊँटों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए ऊँट मालिक को जिला कलेक्टर से ऑल इंडिया परमिट लेना आवश्यक होता है. इस परमिट के बिना ऊँटों को राजस्थान से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है.
भोपाल में ऊँट की सवारी का अनुभव शाही और अनूठा है, जिसे आप कम कीमत पर अपनी विशेष आयोजनों में शामिल कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 17:55 IST