क्या बोली जनता
मिर्जापुर: यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने वाला है. ऐसे में मिर्जापुर के मझवां विधानसभा में उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. चुनावी सरगर्मी और तेज हो रही है. सपा, बसपा और भाजपा के उम्मीदवारों के नामांकन कर दिए जाने के बाद कयास का दौर तेज हो गया है.
वहीं, मझवां विधानसभा सीट से सपा पहली जीत की तलाश में है. एनडीए हैट्रिक लगाना चाह रही है और बसपा के उम्मीदवार सियासी समीकरण और पुरानी जीत के बल पर दमखम भर रहे हैं. मझवां क्षेत्र के भिस्कुरी गांव में आम लोगों से चर्चा किया गया, तो उनका कहना था कि लड़ाई इस बार सपा और भाजपा के बीच है. हालांकि, बसपा को कम आंकना बड़ी भूल हो सकती है.
मझवां के रहने वाले अभिषेक तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उपचुनाव में देश या राज्य का मुद्दा नहीं है. उपचुनाव में जनता इस बार स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करने जा रही है. इसलिए इस बार लड़ाई त्रिकोणीय होने वाली है. तीनों प्रमुख दल मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, विनय कुमार पाल ने कहा कि लड़ाई सपा और भाजपा में है. हर बार की तरह इस बार भी सपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रहने वाली है.
सुचिस्मिता मौर्य ने नहीं किया काम- नीरज
वहीं, शिवसंपति मौर्य ने कहा कि मझवां में उपचुनाव बेहद दिलचस्प है. बसपा अपनी परंपरागत सीट को बचाना चाह रही है. बीजेपी अपना दावा बरकरार रखना चाह रही है. वहीं, सपा पहली जीत दर्ज करना चाह रही है. इस बार मुद्दे नहीं बल्कि क्षेत्र का विकास प्राथमिकता है. इसे जनता ध्यान में रखकर मतदान करेगी. नीरज कुमार ने कहा कि मझवां में 2017 से लेकर 2024 तक एनडीए के विधायक रहे, लेकिन कोई काम नहीं कराया. इस बार समाजवादी पार्टी बेहद मजबूती से लड़ाई लड़ रही है.
बिल में घुस गए माफिया और गुंडे- धर्मेंद्र
धर्मेंद्र अग्रहरि ने कहा कि माहौल बीजेपी की ओर है. सबकुछ एकदम साफ है. बीजेपी की सरकार में सड़क, बिजली और पानी की सुविधा अच्छी मिल रही है. पहले 8 घंटे दिन और 8 घंटे रात बिजली आती थी. अब बिजली कब जाती है और कब आती है. किसी को नहीं पता चलता. माफिया और गुंडे सब बिल में घुस गए हैं. बाबा के बुलडोजर का खौफ अपराधियों और माफियाओं में है.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 08:49 IST