सिरोही बकरी के पशुपालन में है फायदा ग्वालियर के कृषि वैज्ञानिक
ग्वालियर. सिरोही बकरी राजस्थान के सिरोही जिले की बकरी है, क्योंकि यह बकरी सिरोही जिले की थी. इसलिए बकरी को सिरोही बकरी नाम से जाना जाता है. यह बकरी दूध उत्पादन के साथ-साथ अपने मीट उत्पादन के लिए भी जानी जाती है, यदि कोई किसान इसे पालता है, तो जाने किस प्रकार से आर्थिक फायदा ले सकता है.
दूध उत्पादन में भी है काफी फायदा
सिरोही बकरी का दूध हर समय डिमांड में रहता है, क्योंकि बकरी के दूध पीने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ती है और बकरी का दूध पीने से शरीर स्वस्थ रहता है. डेंगू के रोगियों को डाक्टर अक्सर बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं. वहीं सिरोही बकरी साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है, जिसमें यह बकरी एक से डेढ़ लीटर तक दूध देती है. इस बकरी के दूध को पीने से फायदा होता है, लेकिन बकरी के दूध में एक अलग प्रकार का गंध होता है, जिस वजह से यह दूध आमजन को कम पसंद आता है, लेकिन बीमारी की अवस्था में इस दूध को पीने से आपके शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ जाती है.
बकरी के मीट का भी होता है सौदा
सिरोही बकरी साल में दो बार बच्चे देती है, जिसमें बकरा मात्र कुछ समय में ही 50 किलो तक हो जाता है. इस बकरे को यदि मार्केट में बेचा जाता है, तो यह अच्छे खासे भाव में बेचा जाता है और उसके बाद में किसान अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त कर लेता हैं. इसके अलावा बकरी के खुर , नाखून, खाल एवं अन्य चीज भी काम की होती है, जिन्हें मार्केट में बेचा जा सकता है. किसान ने बेचकर आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है और अपने इनकम को बढ़ा सकता है. ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में इसको लेकर ट्रेनिंग दी जाती है और यह बताया जाता है. किस प्रकार से बकरियों का वैक्सीनेशन कारण उन्हें पीने के लिए साफ पानी दें और उनके घर को किस प्रकार से ऐसे बनाया जाए ताकि बकरी आसानी से स्वस्थ होकर बड़ी हो सके और किस को मुनाफा दे सके.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 10:37 IST