मड़ुआ की खेतों में लगे इन रोगों से बचाने का एक्सपर्ट से जानें तरीका

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मड़ुआ

मड़ुआ की खेती 

जहानाबाद: जहां किसानों ने मोटे अनाज जैसे मड़ुआ, ज्वार, बाजरा और चीना की खेती से अच्छी कमाई शुरू की है, वहीं मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण मडुआ के खेतों में ब्लास्ट रोग और पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के कीट विशेषज्ञ डॉक्टर वाजिद हसन ने लोकल 18 से खास बातचीत में इन रोगों के खतरे और बचाव के उपाय बताए.

मड़ुआ में रोगों का खतरा
डॉक्टर वाजिद हसन ने बताया कि मडुआ के पौधों में अब फलन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह समय काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने चेतावनी दी कि पौधों में ब्लास्ट रोग, जो एक फंगल रोग है, का अटैक हो चुका है. इसके अलावा पत्ती लपेटक कीट और तनाछेदक कीट का भी प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे हरी पत्तियां सूखने लगती हैं और पौधों का रस चूस लिया जाता है.

रोग लगने पर करें ये उपाय
यदि मडुआ के खेतों में ये रोग लग जाते हैं, तो डॉक्टर हसन के अनुसार, किसानों को तुरंत खेतों में स्प्रे करने की सलाह दी गई है. इससे रोग और कीटों से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के रोगों से 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है.

रोकथाम के लिए क्या करें
डॉक्टर हसन ने कहा कि यदि मड़ुआ की खेती में रोग लग चुके हैं, तो बचाव के लिए अच्छा फंगीसाइड खरीदें, जैसे प्रोपिकोनाज़ोल या हेक्साकोनाज़ोल. इसे 2 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से रोग से छुटकारा मिल जाएगा.

पत्ती लपेटक कीट और तना छेदक कीट से बचने के लिए, फिप्रोनिल 5 एससी का 1 एमएल या कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इससे फसल की सुरक्षा की जा सकती है और किसान अधिक उत्पादन का लाभ उठा सकेंगे.

FIRST PUBLISHED :

October 1, 2024, 19:12 IST

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