इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को उन सोशल मीडिया पेज संचालकों को चेतावनी दी जो कानून का उल्लंघन करने वाले पोस्ट अपलोड करते हैं। बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि मई 2023 में जातीय संकट शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में नये संगठन सामने आए हैं और उनमें से कई असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में अब शांति के संकेत देख रहे हैं और मैं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मीडिया से सहयोग चाहता हूं।
भड़काऊ वीडियो शेयर करने वालों पर भड़के सीएम
बीरेन सिंह ने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट अपलोड किए गए हैं, जो भड़काऊ हैं और दूसरों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं से निजी मामलों पर पूछताछ सोशल मीडिया पर अपलोड की गई। ये घटनाएं बेहद अजीब, परेशान करने वाली और अशिष्ट हैं। सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इस बारे में सूचित कर दिया है और जल्द ही सभी सोशल मीडिया पेज संचालकों और ऐसे समूहों के ‘एडमिन’ को बुलाने के लिए एक औपचारिक नोटिस प्रकाशित किया जाएगा जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।
नेताओं के घर जलाने वालों पर सख्ती
उन्होंने सवाल किया कि इन समूहों को व्यक्तियों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करने के लिए किसने अधिकृत किया है?’ सरकार युवाओं के करियर को बर्बाद नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के आवास लूटने या उन्हें जलाने में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमें से कुछ अब जेल में हैं जबकि उनमें से कुछ पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत आरोप लगाया जा सकता है। उनका जीवन कठिन हो जाएगा, क्योंकि उनके रिकॉर्ड पुलिस के पास होंगे और जिनके खिलाफ प्राथमिकी है वे सरकारी सेवाओं में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि समाज को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष पुलिस दल गठित किए जाएंगे। बता दें कि मणिपुर 3 मई, 2023 से मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की चपेट में है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
इनपुट-भाषा