बुरहानपुर. मध्य प्रदेश को आज भी पुरातत्व राज्य के नाम से जाना जाता है. यहां कई पुराने मंदिर आज भी मौजूद है. जिनकी अपनी अपनी महत्ता है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नागझिरी क्षेत्र में भी एक कबीर निर्णय मंदिर है जो कि देश का एकमात्र मंदिर है. यहां देश-विदेश के अनुयाई दर्शन पूजन और ध्यान करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर कबीर दास द्वारा किए गए भजन गुणगान का बखान किया जाता है. इस मंदिर में बच्चों से लेकर तो बुजुर्ग सभी आते हैं और तीन दिवसीय कार्यक्रम में विशेष लोगों की भीड़ देखने को मिलती है.
मंदिर के कोषाध्यक्ष ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम को क्षेत्र में स्थित कबीर निर्णय मंदिर के कोषाध्यक्ष दानवीर दास ने जानकारी देते हुए बताया कि यह देश का एकमात्र मंदिर है. यहां पर देश-विदेश से अनुयाई आते हैं जो भजन कीर्तन सत्संग में शामिल होते हैं. यहां पर कबीर दास जी के प्रथम शिष्य पूरण दास जी की पुण्यतिथि मनाई जाती है. इस बार भी करीब 200 से अधिक लोग इस मंदिर में आए हुए हैं. तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत भी हो गया है. जहां पर भजन ज्ञान की गंगा बह रही है.
500 साल पुराना है मंदिर
बुरहानपुर जिले में कबीर निर्णय मंदिर यह करीब 500 साल पुराना मंदिर बताया जाता है. यह देश का एकमात्र मंदिर है जहां पर विद्यार्थी बीजक की पढ़ाई करने के लिए भी आते हैं. विद्यार्थियों को यहां पढ़ाकर महात्मा बनाया जाता है, जो समाज का ज्ञानवर्धन करते हैं.
कबीरदास या कबीर, 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा, पाखंड और ढोंग के विरोधी थे. उन्होंने भारतीय समाज में जाति और धर्मों के बंधनों को खत्म करने का प्रयास किया. वे भोजपुरी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महानतम कवि थे.
Edited by Vandanaa Bharti
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 08:34 IST