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गर्भवती महिलाओं के लिए है वरदान, कम लागत में ज्यादा मुनाफा, जानिये कैसे करें मरूआ की खेती
मरुआ की खेती में अररिया के ये किसान कम मेहनत में करते हैं ज्यादा मुनाफा
मो इजीस के अनुसार मरुआ की खेती पहले ज्यादा होती थी लेकिन हाइब्रिड फसलों के कारण इसका महत्व कम हो गया था. हमें लगा कि इस ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : October 20, 2024, 15:53 IST
अररिया: जिले के तैरासी और पहुंसारा क्षेत्रों में मरुआ की खेती एक बार फिर से लोकप्रिय हो रही है. मौजूदा समय में जहां किसान हाइब्रिड फसलों और अधिक पैदावार पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं मरुआ जैसे पारंपरिक फसल धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. किसान अब सेहतमंद फसल की खेती को दोबारा करने के लिए सक्रिय हैं. जिले के किसान फिलहाल 2 एकड़ जमीन पर मरुआ की खेती करते हैं. किसान बताते हैं कि इस खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा होता है.
जिले के तैरासी स्थित पहुंसारा पंचायत के निवासी किसान मोहम्मद इजीस ने बताया कि वे लगभग दो एकड़ जमीन में मरुआ की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग ने हमें बीज उपलब्ध कराया, और पिछले 20 वर्षों से अधिक से हम मरुआ की खेती कर रहे हैं. इस फसल से अच्छा लाभ हो रहा है.इससे मवेशियों के लिए भी बेहतरीन चारा मिलता है. मरुआ की खेती पहले ज्यादा होती थी, लेकिन हाइब्रिड फसलों के चलते इसका महत्व कम हो गया था. हमें लगा कि इस पारंपरिक फसल को पुनर्जीवित करना चाहिए, ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके.
खेती में होती है भारी बचत
लोकल 18 से हुए बातचीत में किसान ने बताया कि यह फसल लाभदायक और कम लागत वाली है. मरुआ में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, जो एनीमिया और मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए लाभकारी है. गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह अत्यंत फायदेमंद है. इसके अलावा मरुआ की रोटी का सेवन पेट की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है. किसान मोहम्मद इजीस ने बताया कि दो एकड़ जमीन पर मरुआ की खेती से लगभग 2 लाख रुपए तक की कमाई होती है.
Tags: Agriculture, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 15:53 IST