महाकुंभ में गूंजी किलकारी, 11 बच्चों का जन्म, कुंभ मेला में डिलीवरी

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Last Updated:February 10, 2025, 07:19 IST

Mahakumbh Mela News: महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में पहली डिलीवरी 29 दिसंबर को हुई थी. कौशाम्बी की सोनम (20) ने एक लड़के को जन्म दिया, जिसका नाम उसके परिवार ने कुंभ रखा.

महाकुंभ में गूंजी किलकारी, 11 बच्चों का जन्म, कुंभ मेला में डिलीवरी

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेंट्रल हॉस्पिटल में 11 शिशुओं का जन्म.

हाइलाइट्स

  • महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में 11 बच्चों का हुआ जन्म.
  • केंद्रीय अस्पताल में पहली डिलीवरी 29 दिसंबर को हुई थी.
  • महाकुंभ के अस्पताल में अबतक 64000 लोगों का इलाज.

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के संगम तट पर 4000 हेक्टेयर में फैले महाकुंभ क्षेत्र में करीब 1 महीने में 44 करोड़ लोग पहुंचे, जिनमें से 11 महिलाओं और उनके परिजनों के लिए महाकुंभ की यात्रा यादगार और खास रही. क्योंकि इन 11 महिलाओं ने कुंभ मेले में बच्चों को जन्म दिया. 11 बच्चों का जन्म कुंभ क्षेत्र में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में हुआ. इस अस्पताल में कुल 105 लोगों की टीम है, जिसमें चार स्त्री रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं. इन सभी महिलाओं को या तो उनके परिजन सेंट्रल हॉस्पिटल ले गए या मेले में तैनात एंबुलेंस के जरिए सेंट्रल अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें डिलीवीरी कराने की सुविधा मौजूद है.

29 दिसंबर को हुआ था पहले बच्चे का जन्म
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महाकुंभ मेला भले ही आधिकारिक तौर पर 13 जनवरी को शुरू हुआ था. लेकिन पर्यटक दिसंबर से ही इस क्षेत्र में एकत्रित हो रहे हैं. क्योंकि प्रयागराज में संगम के किनारे एक विशाल टेंट सिटी बसाया गया, जहां केंद्रीय अस्पताल पहले से ही चालू था और चल रहा था. अस्पताल में पहली डिलीवरी 29 दिसंबर को हुई थी. कौशाम्बी की सोनम (20) ने एक लड़के को जन्म दिया, जिसका नाम उसके परिवार ने कुंभ रखा. प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उनके पति राजा उन्हें अस्पताल ले गए. दंपत्ति कुंभ मेले में काम की तलाश में आए थे और कुंभ क्षेत्र में रह रहे थे.

हाल में 6 फरवरी को महिला ने बच्चे को जन्म दिया
डिलीवरी के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने परिवार को बधाई दी. उन्होंने बताया कि कुंभ क्षेत्र में परेड ग्राउंड के पास 100 बिस्तरों वाला अस्पताल ओपीडी, जनरल वार्ड, डिलीवरी सेंटर, आईसीयू और एक ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाओं से लैस है. उन्होंने कहा कि अस्पताल क्लीनिकल ​​सेवाएं भी प्रदान करता है और इसमें पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्ड हैं. अस्पताल में सबसे हालिया डिलीवरी 6 फरवरी को हुई, जब बाराबंकी की 30 वर्षीय कंचन ने एक लड़के को जन्म दिया.

महाकुंभ मेले में काम करने वालों की पत्नियों का प्रसव
केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक ने कहा, अब तक सभी प्रसव सामान्य हुए हैं. जिन महिलाओं ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है, वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, जैसे बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और जौनपुर, और झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों से भी आती हैं. वे अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक बैकग्राउंड से आते हैं. कुछ कुंभ स्थल पर काम करने वाले अस्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पत्नियां हैं और अन्य बड़ी संख्या में रिश्तेदारों के साथ कुंभ में आने वाले व्यापारिक परिवारों से हैं.

अबतक 64000 मरीजों का किया गया इलाज
डॉ. कौशिक ने कहा, जन्म देने के बाद, महिलाओं को छुट्टी देने से पहले तीन दिनों तक चिकित्सा देखभाल प्राप्त होती है. अस्पताल में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं में ग्वालियर की 24 वर्षीय गृहिणी ज्योति शर्मा भी शामिल थीं, जिन्होंने 27 जनवरी को एक लड़की को जन्म दिया था. वह 22 जनवरी को अपने परिवार के साथ कुंभ में पहुंची थीं, जिसमें उनके पति आनंद शर्मा, एक व्यवसायी, उनके ससुराल वाले और अन्य रिश्तेदार शामिल थे. डॉ. कौशिक ने कहा कि 13 जनवरी को आधिकारिक तौर पर कुंभ शुरू होने के बाद से, साइट पर चल रहे अस्पतालों ने लगभग 64,000 मरीजों का इलाज किया है.

First Published :

February 10, 2025, 07:19 IST

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