नक्सलियों का तो हो गया सफाया पर अफीम का अभी तक चौपट नहीं हो पाया धंधा...जानें

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 10, 2025, 21:19 IST

Rohtas News : बिहार के कैमूर पहाड़ी इलाके में नक्सलियों के खात्मे के बाद भी अफीम की खेती का सिलसिला थम नहीं रहा है. पुलिस ने हाल ही में रोहतास जिले के नौहट्टा और झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में करोड़ों रुपये क...और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • कैमूर पहाड़ी में नक्सलियों के बाद भी अफीम की खेती जारी.
  • पुलिस ने 13 एकड़ में फैली अफीम की फसल नष्ट की.
  • अफीम की खेती पर रोक के लिए जनता का सहयोग जरूरी.

बिहार के कैमूर पहाड़ी इलाके में नक्सलियों के खात्मे के बाद भी अफीम की खेती का सिलसिला थम नहीं रहा है. पुलिस ने हाल ही में रोहतास जिले के नौहट्टा और झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में करोड़ों रुपये की अफीम की फसल नष्ट की है. बीते तीन दिनों में सोन नदी टीला और अमझोर थाना क्षेत्र में लगभग 13 एकड़ में फैली अफीम की खेती को खत्म किया गया. वहीं ताजा मामला इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के सिकरियां सोन नदी टीले का है, जहां पुलिस ने करीब 8 डीसमिल सरकारी जमीन पर लगी अफीम की खेती को नष्ट किया. हालांकि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब यह इलाका नक्सलियों से मुक्त हो चुका है, तो अब इस अवैध खेती पर किसका कब्जा है?

बता दें कि कैमूर पहाड़ी और सोन नदी का इलाका 1981 से 2014 तक नक्सलियों के नियंत्रण में था. इस दौरान यहां बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती थी, जिससे नक्सली करोड़ों रुपये की लेवी वसूलते थे. 2009 में पहली बार इस अवैध खेती का सुराग मिला. हसड़ी गांव में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी. तब तत्कालीन एसपी विकास वैभव के नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई कर दो बीघा में लगी अफीम की फसल नष्ट किया था. इसके बाद, 2011 में एसपी मनु महाराज के कार्यकाल में हूरमेटा गांव में पांच एकड़ में फैली अफीम की खेती पकड़ी गई थी.

नक्सलियों के सफाए के बाद अब अफीम की खेती अपराधी गिरोह और तस्करों के हाथों में चली गई है. हालाकि पहले ये तस्कर नक्सलियों की मदद से यह कारोबार चलाते थे, लेकिन अब वे खुद इसे संचालित कर रहे हैं.

2017 में दरिगांव थाना क्षेत्र में अफीम की खेती पकड़े जाने के बाद हाल के दिनों में कैमूर पहाड़ी की बजाय सोन नदी के दियारा और आसपास के गांवों को तस्करों ने नया ठिकाना बना लिया है.

वही रोहतास पुलिस ने बताया कि कैमूर पहाड़ी समेत अन्य इलाकों में अफीम की खेती पर नजर रखी जा रही है और अपराधियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

हाल ही में झारखंड के पलामू जिले और रोहतास के नौहट्टा थाना क्षेत्र में सोन नदी टीला पर अफीम की खेती को लेकर पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध कारोबार को कौन चला रहा है और इसके पीछे कौन से गिरोह सक्रिय हैं.

पुलिस का कहना है कि अफीम की खेती पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए जनता का सहयोग जरूरी है. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील कि कि अगर कहीं भी अफीम की खेती होती दिखे, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को देने कि बात कही है.

First Published :

February 10, 2025, 21:19 IST

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