Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 11, 2025, 07:43 IST
Gwalior Digital Arrest: ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF के अधिकारी इंस्पेक्टर अबसार अहमद को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 71लाख रुपये से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच की टी...और पढ़ें
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MP News: ग्वालियर में 71 लाख की ठगी.
हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ठगी की बड़ी वारदात
- बीएसएफ इंस्पेक्टर से हुई 71 लाख की ठगी
- बदमाशों ने 32 दिन किया डिजिटल अरेस्ट
ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF के अधिकारी इंस्पेक्टर अबसार अहमद को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 71लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई. इस मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस मामले से जुड़े 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. इनमें से 3 आरोपी नोएडा के एक फेमस इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं. सभी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. टेलीग्राम के जरिए सभी कुछ लोगों के संपर्क में आए थे. इनसे कहा गया था कि वे अपने खातों में राशि ट्रांसफर कराते हैं तो फिर 6 फीसदी कमीशन दिया जाएगा.
टेलीग्राम के जरिए आरोपी जिन लोगों से जुड़े थे उन्होंने अपनी पहचान चाइनीज व्यक्ति के रूप में बताई थी. इतना ही नहीं चाइनीज भाषा में ही उन्होंने कम्युनिकेशन किया था. बीएसएफ के अफसर के साथ डिजिटल अरेस्ट कर ठगी हुई थी. ठगी की राशि इन्ही पकड़े गए आरोपियों के अकाउंट में ट्रांसफर की गई थी जो बाद में यूएस डॉलर में कन्वर्ट कर यह राशि मुख्य आरोपी तक पहुंचाई गई.
पुलिस ने जब्त किए मोबाइल
पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए 10 लाख रुपये बीएसएफ अफसर को वापस दिलाने में सफलता हासिल की थी. ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल जब्त किए गए हैं. मोबाइल में ऐसा डाटा मिला है जिससे यह सिद्ध होता है कि बीएसएफ ऑफिसर से ठगी की रकम इन आरोपियों के खाते में पहुंची थी. पकड़े गए आरोपी ने जिस चाइनीज व्यक्ति के बारे में जानकारी दी है उसके संबंध में पुलिस अभी जानकारी जुटाई जा रही है. साथ ही पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जो ठगी की राशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुई और निकाली गई है उसे कैसे रिकवर किया जाए.
ग्वालियर एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से भी पूछताछ कर उनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है कि उन्होंने ठगी की राशि को कहां खर्च किया है. यह पूरा एक संगठित गिरोह है जो पढ़े-लिखे युवाओं को झांसे में लेकर और लालच देकर ग्रुप बनाता है. फिर टेलीग्राम के जरिए इस तरह की ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है. फिलहाल मामले में पुलिस की विवेचना जारी है. आरोपियों को पकड़ने में मुख्य भूमिका निभाने वाले क्राइम ब्रांच अधिकारियों और कर्मचारियों को पुलिस रिवॉर्ड भी दिया जाएगा.
जानें कैसे हुई थी ठगी
आपको बता दें कि ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को 2 दिसंबर 2024 को WhatsApp कॉल आया था. कॉलर ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट जारी होने का डर दिखा. बीएसएफ इंस्पेक्टर को अपने परिवार सहित गिरफ्तार करने की धमकी दी. कहा कि कोर्ट का आदेश है कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए. इस धमकी के बाद ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए बीएसएफ अधिकारी से पैसे जमा करने की मांग की. इंस्पेक्टर अहमद ने 34 ट्रांजेक्शन में कुल 71.25 लाख रुपये ठगों को ट्रांसफर किए. इन पैसों को जुटाने के लिए इंस्पेक्टर को दिल्ली स्थित अपनी प्रॉपर्टी और उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन बेचने के लिए एडवांस लेना पड़ा था. 2 जनवरी को उनके बेटे ने उन्हें इस जाल से मुक्त कराया और उन्होंने क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कराया था.
Location :
Gwalior,Gwalior,Madhya Pradesh
First Published :
February 11, 2025, 07:43 IST
BSF का इंस्पेक्टर, 32 दिन और 71 लाख, इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने किया कारनामा