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Jabalpur News: 'मौत से पहले दिया बयान ही दोष साबित करने के लिए काफी नहीं..,' जबलपुर हाईकोर्ट ने क्यों दिया ये फैसला?
भोपाल/जबलपुर. मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी शख्स को दोषी करार देने के लिए महज मौत से पहले दिया बयान ही काफी नहीं है. उसके साथ-साथ दूसरे सबूतों की भी जरूरत है. इस फैसले के साथ ही जबलपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने सेशन कोर्ट के एक फैसले को खारिज कर दिया. सेशन कोर्ट ने महिला के मौत से पहले दिए बयान के आधार पर उसके देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जबलपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने कहा कि इस मामले में यह स्पष्ट है कि मौत से पहले एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और परिवार के सामने दिए गए बयान के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता.
जानकारी के मुताबिक, अभियोग पक्ष के अनुसार, मृतिका हर्षा सिंह ने मरने से पहले बयान दिया था कि आरोपी बंटी सिंह के साथ उसका विवाद हुआ था. उसके बाद वह कमरे में आया और मुझे आग लगा दी. महिला ने आरोप लगाया कि इस दौरान उसका पति (बंटी का चचेरा भाई) भी कमरे में था. लेकिन, उसने बंटी को रोका नहीं. महिला ने बताया कि उसने खुद आग बुझाई. उसके बाद पड़ोसियों ने पति पर उसे अस्पताल ले जाने का दबाव बनाया. इसलिए उसका पति उसे अस्पताल ले गया.
आरोपी ने इस फैसले को दी चुनौती
भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इसके बाद मौत से पहले महिला के बयान दर्ज किए गए थे. इन बयानों के आधार पर पुलिस ने महिला के देवर बंटी सिंह पर केस दर्ज किया था. हर्षा ने ससुरालवालों पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लगाया था. लेकिन, इस मामले में ससुरालवाले बरी हो गए. इधर, बंटी को सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी. बंटी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मौत से पहले दिया बयान पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है. इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोई दूसरा सबूत नहीं है.
Tags: Jabalpur news, Mp news
FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 10:46 IST