Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 11, 2025, 13:58 IST
Farming Tips: फरवरी में खीरे की खेती जोरों पर है, लेकिन रोग प्रबंधन बेहद जरूरी है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, जैविक कीटनाशक जैसे नीम तेल, गौमूत्र और साबुन-पानी का घोल कारगर हैं. सही समय पर उपचार न करने से फसल ...और पढ़ें
Khire ki kheti
हाइलाइट्स
- खीरे की फसल में रोग प्रबंधन जरूरी है.
- नीम तेल, गौमूत्र और साबुन-पानी का घोल कारगर हैं.
- खरपतवार नियंत्रण और समय पर सिंचाई आवश्यक है.
गिरिडीह. फरवरी का महीना चल रहा है. ऐसे में किसान सब्जियों की खेती में लगे हुए हैं. किसान इस समय खीरे की खेती कर रहे हैं. समय से खीरे की खेती करने और बाजार तक पहुंचने से किसानों को लाभ अधिक होता है. ऐसे में अगर किसान के खेत में खीरे में रोग संबंधी समस्या उत्पन्न हो रही है.इसका सही समय पर उपचार नहीं किया गया तो न सिर्फ फसल खराब हो सकती है बल्कि बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. ऐसे में खीरे के पौधों में रोग प्रबंधन का उपाय करना चाहिए.
आमतौर पर देखा जाता है कि खीरे के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं. इसकी वजह नमी की कमी होती है. ऐसे में समय समय पर फसल में सिंचाई करनी चाहिए. इसके साथ ही इसके साथ ही देखा जाता है कि कई बार देखा जाता है फल छेदक की परेशानी होने लगती है. ऐसे में किसान भाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है. इससे बचने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही साबुन और पानी का घोल बनाकर भी छिड़काव कर सकते हैं. इसके साथ ही बाजार में कई कीटनाशक दवाइयां है जिसका उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही जंगल झाड़ खेत में नहीं होने देने चाहिए.
कृषि वैज्ञानिक ने दी सलाह
लोकल18 से बात करते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि खीरा एक सेंसटिव फसल है. ऐसे में इसका ध्यान रखना चाहिए नहीं तो बीमारियां फसल को खत्म कर देती है जिससे किसानों को नुकसान हो जाता है. ऐसे में जैविक कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए. जिसमें नीम का तेल, गौमूत्र का उपयोग रोग प्रबंधन के लिए करना चाहिए. इसके साथ ही साबुन और पानी का घोल खीरे में छिड़काव करना चाहिए. इससे कीट मर जाएंगे और फल छेदक नहीं होगा. इसके साथ ही किसान भाई बेबस्टिन और नेटिवो दवाई भी उपयोग कर सकते हैं.01 ग्राम नेटिवो 1 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करने से समस्या दूर होती है. इसके साथ ही खेत में खरपतवार नहीं होने चाहिए. समय समय पर घास वगैरह साफ करना चाहिए.
Location :
Giridih,Jharkhand
First Published :
February 11, 2025, 13:58 IST
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