बारा गांव की तस्वीर
जहानाबाद:- बिहार में 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे सियासी हलचलें तेज होती जा रही हैं. सभी दलों के नेता अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. 4 सीटों में से एक बेलागंज सीट पर भी सभी की नजर है. यहां भी मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं. चूंकि 30 साल से ज्यादा समय से इस सीट पर राजद का कब्जा रहा है. यहां से सुरेंद्र यादव कई बार विधायक बने. जब वह जहानाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में बाद सांसद बने, तो यह सीट खाली हो गई थी. इसके कारण यहां चुनाव कराया जा रहा है. इसके लिए 13 नवंबर को वोटिंग होनी है.
जनता ने बताया, कितना हुआ विकास
इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. जदयू से एक ओर जहां मनोरमा देवी ने 24 अक्टूबर को नामांकन किया, तो वहीं राजद नेता सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह ने भी पर्चा भरा. ऐसे में चुनावी डुगडुगी बजते ही जहां नेताओं ने अपनी रणनीति सेट करने में जुट गए हैं, तो वहीं जनता भी अपना नेता चुनने की तैयारी में हैं. इसी बीच लोकल 18 की टीम बेला विधानसभा क्षेत्र में बारा गांव पहुंची. यह गांव आबादी के लिहाज से बहुत बड़ा गांव है. जानकारी के अनुसार, यहां की जनसंख्या करीब 10 हजार है. लोगों से जब यहां के विकास के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि यहां के नेता ने भले ही 30 सालों तक शासन चलाया, लेकिन इस गांव के लिए कुछ नहीं किया.
नेताजी वादा करके भूल गए
ग्रामीण बताते हैं कि नेताजी वादा करके तो गये कि बारा में लाइब्रेरी बनवा देंगे, अस्पताल बनवाएंगे, लेकिन धरातल पर अब तक कुछ नहीं दिख रहा है. काम नहीं होने की वजह से लोगों में नाराजगी है. इस बार मुकाबला टक्कर का होगा. वहीं, स्थानीय मो. मुमताज ने Local 18 को बताया कि इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है. आप ये तय नहीं कर सकते हैं कि कौन यहां से जीत रहा है. हालांकि एक बात है कि सुरेंद्र यादव का इस बार टिकट यहां से कटने जा रहा है. उन्होंने इस सीट पर 30 साल तक राज किया, लेकिन विकास के नाम पर जनता को कुछ नहीं दिया.
वे बताते हैं कि पहले माई समीकरण के चलते वह जीत रहे थे. हालांकि इस बार दो कैंडिडेट्स यादव समाज से हैं और एक मुस्लिम समुदाय से हैं. ऐसे में उनके वोट में सेंधमारी हो सकती है. इस बार जीते, तो पहले पिताजी को प्रणाम करते थे, अब बेटा को प्रणाम करेंगे.
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इस बार मुकाबला कड़ा होने जा रहा
स्थानीय मो. खालिद ने तंज लहजे में कहा कि जब नेताजी कुछ दे ही नहीं रहे, तो अपना जुगाड़ करना ही पड़ेगा. हम अपना जमीर नहीं बेचते हैं. पैसे वैसे लेकर वोट नहीं करते हैं. इस बार तो मार्केट में चार-चार प्रत्याशी उतरे हुए हैं. मुकाबला कड़ा होने जा रहा है. मो. नासिर ने बताया कि इस बार माहौल बना हुआ है. यहां पर हर पार्टी के लोगों का आना-जाना हो रहा है. वहीं बाबूलाल बताते हैं कि हमें तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि इस बार क्या होने जा रहा है. जन सुराज को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है, क्योंकि पहले खिलाफत हुसैन, तो अब अमजद मुखिया को टिकट दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 17:05 IST