हावड़ा: आजकल अच्छा नौकरी का बाजार लगभग नामुमकिन सा लगता है और इसके चलते युवाओं का तकनीकी शिक्षा में रुचि बढ़ रही है. साल भर में तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. यह ट्रेनिंग साल में चार बैचों में होती है. ट्रेनिंग सप्ताह में पांच से छह दिन होती है, और हर दिन चार से छह घंटे की क्लास होती है. बता दें कि हावड़ा में उन्नत मशीनरी और आधुनिक ट्रेनिंग दी जाती है.
कंपनियां जुड़ी हुई हैं इस ट्रेनिंग सेंटर से
दरअसल, पिछले 15 सालों से, हावड़ा के धुलोगढ़ अम्बुजा फाउंडेशन में SEDI ट्रेनिंग युवाओं के उज्जवल भविष्य बनाने में अहम भूमिका निभा रही है. कई कंपनियां इस ट्रेनिंग सेंटर से जुड़ी हुई हैं, जिसके कारण ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नौकरी के अवसर मिलते हैं. इन संस्थानों की अहमियत यह है कि वर्तमान नौकरी बाजार और आर्थिक लाभ को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विषयों में ट्रेनिंग दी जाती है.
तकनीकी शिक्षा की मांग बढ़ रही है
अम्बुजा फाउंडेशन के SEDI ट्रेनिंग सेंटर में तकनीकी शिक्षा की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. यहां सिलाई, ऑटोमोबाइल चार पहिया और दो पहिया मरम्मत (four wheeler and 2 wheeler repair), ब्यूटीशियन बेसिक और एडवांस कोर्स, मोबाइल रिपेयरिंग हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर, कस्टमर केयर एक्सीक्यूटिव, ऑटोमोटिव सेल्स असिस्टेंट, बिजनेस कोरेस्पोंडेंट और बिजनेस फैसिलिटेटर जैसी ट्रेनिंग दी जाती है.
ट्रेनिंग के लिए आने वाले लोग
हावड़ा के संक्रैल ब्लॉक सहित आसपास के ब्लॉक्स और जिले से बाहर के लोग भी यहां ट्रेनिंग के लिए आते हैं. जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे हैं, लोगों का अम्बुजा फाउंडेशन में ट्रेनिंग लेने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. यहां ट्रेनिंग लेने के बाद कई युवा लड़के और लड़कियां अच्छी तरह से स्थापित हो चुके हैं.
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योग्यता और चयन प्रक्रिया (Qualification & Selection Process)
यहां ट्रेनिंग लेने के लिए 8वीं, 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की योग्यता चाहिए. योग्य बच्चों को स्क्रीनिंग काउंसलिंग के विभिन्न चरणों से चयनित (Selected from assorted stages) करके शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिसमें शिक्षा के प्रति रुचि पर खास जोर दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
December 4, 2024, 14:07 IST