चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक ओर ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूसी शहर कजान जाने वाले हैं. उससे एक दिन पहले वे रॉकेट फोर्स ब्रिगेड से मिलने पहुंचे. वहां मिसाइलें देखीं और अपने सैनिकों को युद्ध की तैयारी करने का आदेश दिया. कुछ दिनों पहले चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास भी किया था, जिसमें फाइटर जेट्स और वॉरशिप का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि चीन ताइवान को लेकर कोई बड़ा कदम उठा सकता है.
चीन की सरकारी मीडिया शिन्हुआ के मुताबिक, जिनपिंग पीपुल लिबरेशन आर्मी की मिसाइल ब्रिगेड से मिले. उन्हें कभी भी जंग के लिए तैयार रहने को कहा. रॉकेट फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है. बता दें कि परमाणु हथियारों का कंट्रोल भी इसी ब्रिगेड के पास है. जिनपिंग ने आर्मी से कहा- युद्ध के लिए अपनी तैयारी पूरी रखो. यह काफी मजबूत होनी चाहिए. सुनिश्चित करें कि सैनिकों के पास पर्याप्त उपकरण मौजूद हों. उनकी लड़ाकू क्षमता बढ़ाई जाए. जो भी जरूरत हो, उसे तुरंत पूरा किया जाए. चीन की रॉकेट फोर्स के पास मिसाइलें बनाने और अटैक करने की जिम्मेदारी है. 7 साल पहले ही चीन ने ये नई फोर्स बनाई है.
हमले से नहीं हिचकेंगे
चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. जिनपिंग उसे किसी भी तरह हासिल करना चाहते हैं. इसीलिए बार-बार जंग की धमकी देते हैं. सोमवार को चीनी सेना ने ताइवान को घेरने के लिए लड़ाकू जेट, ड्रोन, युद्धपोत और तट रक्षक जहाजों को तैनात कर दिया था. दो साल के अंदर ऐसा चौथी बार हुआ, जब चीन ने ताइवान के मुहाने पर जंग का अभ्यास किया. जिनपिंग साफ कह चुके हैं कि वे ताइवान को बीजिंग के कब्जे में लेने के लिए सेना के प्रयोग से कभी नहीं हिचकिचाएंगे.
सबसे ज्यादा मिसाइलें
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, चीन इंटरबैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार जमा कर रहा है. कुछ साल में उसके पास अमेरिका से भी ज्यादा मिसाइलें होंगी. वह अपने परमाणु हथियारों की संख्या भी तेजी से बढ़ा रहा है. अनुमान है कि 2024 तक उसके पास 500 से ज्यादा परमाणु बम हैं. चीन को पता है कि अगली जंग हवा में होगी, इसलिए उसने स्पेशल रॉकेट फोर्स बनाई है. उसे हर तरह की मदद दे रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर दुश्मन से मुकाबला किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED :
October 19, 2024, 23:56 IST