यूं ही नहीं बैकफुट पर आया कनाडा, भारत के दबाव की रणनीति का असर

5 hours ago 1

नई दिल्ली:

India Canada relation: भारत और कनाडा के बीच संबंधों में काफी समय से जो तल्खी चली आ रही थी, अब उसमें कमी होने के आसार हैं. जहां कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार की ओर से लगातार भारत सरकार के मंत्रियों और अहम पद पर आसीन लोगों पर तमाम तरह के भ्रामक आरोप लगाए जा रहे थे, अब कनाडा के ही अधिकारी ने इन आरोपों को लेकर कहा है कि यह 'अटकलबाजी और गलत' हैं. कनाडा की ओर से जब से इस प्रकार के आरोप कनाडा की अल्पमत की सरकार की ओर से लगाए जा रहे थे तब से लगातार भारत ने इसका कड़ाई से विरोध किया था. विदेशमंत्री एस जयशंकर कई मंचों से लगातार कनाडा के आरोपों पर मुखर होकर जवाब दे रहे थे. भारत की ओर से स्पष्ट तौर आरोप नकारे जाने के बाद और फिर कनाडा से लगातार सबूतों की मांग की गई. कनाडा की ओर से कभी भी एक भी सबूत नहीं देने पर भारत ने आरोपों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई से इनकार कर दिया था. 

एक साल बाद कनाडा ने मानी गलती

अब करीब एक साल बाद कनाडा की सरकार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर या एनएसए अजित डोवाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाले कोई भी सबूत नहीं मिले हैं. ट्रूडो सरकार का ये स्पष्टीकरण कनाडा के एक अखबार में छपी रिपोर्ट के उस दावे के बाद आया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि निज्जर की हत्या की कथित साजिश भारत के शीर्ष नेताओं ने रची थी. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आरोप लगाने के एक साल बाद अपनी गलती मानी है. 

कई बार कनाडा की हुई किरकिरी

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कनाडा की कई बार किरकिरी हुई जिसके बाद कनाडा को बैकफुट पर आना पड़ा. एक बार तो खुद पीएम ट्रडो को सबूत के सवाल पर जवाब देना भारी पड़ गया था.  यह अलग बात  है कि कनाडा में खालिस्तानी नेता और एनडीपी सांसद जगमीत सिंह के समर्थन से चल रही सरकार पर पहले काफी दबाव था. लेकिन अब सरकार अल्पमत की है. जगमीत सिंह ने समर्थन वापस ले लिया है.  

अमित शाह पर लगा दिए गंभीर आरोप

कनाडा ने पिछले महीने उस समय तो हद ही कर दी थी जब यह आरोप लगाया था कि भारत के गृहमंत्री अमित शाह कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ हिंसा के मामले में शामिल हैं. कनाडा का आरोप था कि शाह ने कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ हिंसा, डराने धमकाने और इंटेलिजेंस हासिल करने के काम को लेकर निर्देश दिए थे. तब भारत ने कनाडा के उपविदेश मंत्री डेविड मॉरिसन की ओर से की गई टिप्पणियों को बेतुका और निराधार बताया है. विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को लेकर कनाडा सरकार के सामने आधिकारिक तौर पर विरोध दर्ज करवाया था. 

भारत ने हर बार दिया करारा जवाब

भारत ने जवाब में कहा था कि कनाडाई अधिकारी गैर प्रामाणिक दावे इंटरनेशनल मीडिया को देकर ग्लोबल मंच पर भारत की साख को कम करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही भारत ने कहा कि कनाडा सरकार वहां तैनात भारतीय काउंसलर अधिकारियों का सर्विलांस करवा रही है. इसके अलावा कनाडा की जासूसी एजेंसी कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (CSE) ने खतरा पैदा करने वाले देशों की सूची में भारत को शामिल कर दिया था. यह पहली बार था जब कनाडा की सरकार की इस लिस्ट में भारत का नाम आया. बता दें कि इस लिस्ट में 2025-26 में खतरा पैदा करने वाले देशों के नाम हैं। इसमें भारत को चीन, रूस, ईरान, उत्तर कोरिया के बाद पांचवें नंबर पर रखा गया. इसमें कहा गया कि भारत सरकार आधुनिक साइबर प्रोग्राम तैयार कर रही है, जो कनाडा के लिए कई स्तरों पर खतरा पैदा करते हैं.

हिंदुओं पर हमले के मामले में भारत ने घेरा

भारत ने कनाडा हर मंच और हर मौके पर कड़ा जवाब दिया जिसकी तो कनाडा ने कल्पना तक नहीं की होगी. दीवाली के मौके पर कनाडा में कई जगह हिंदुओं के कार्यक्रम रद्द होने पर भी भारत सरकार ने कनाडा की सरकार को घेरा. साथ ही कनाडा में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों, हिंदु धर्मस्थलों पर हुए हमलों को लेकर पर भी कनाडा की सरकार के सामने आपत्ति जताई.

पीएम मोदी ने खुद की हमले की निंदा

कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले के बाद तो पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद निंदा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट कर लिखा कि मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले हमले की कड़ी निंदा करता हूं, हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं. हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे. हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं.

कनाडा को कई बार भारत की ओर किए गए हमलों और जवाब तलब करने की वजह से शर्मिंदा होना पड़ा जिससे ट्रूडो सरकार की खूब किरकिरी हुई.

ट्रूडो की सफाई

हाल ही में दीवाली के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने माना था कि कनाडा में काफी लोग खालिस्तानी समर्थक हैं लेकिन सारे नहीं. गौरतलब है कि भारत लगातार सालों से कनाडा  से इस बात का आग्रह करता रहा है कि वह अपनी धरती पर मौजूद खालिस्थानी समर्थक और उग्रवादियों पर कार्रवाई करे, लेकिन कनाडा ने इससे साफ इनकार कर दिया था. कनाडा ने हमेशा यह कहा है कि खालिस्तान का समर्थन करना लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में आता है और उनकी सरकार इस पर कार्रवाई नहीं कर सकती है. याद दिला दें कि कनाडा की धरती पर भारत विरोधी कार्यक्रम होते रहे हैं. हद तो तब देखने को मिलती जब कनाडा में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर झांकी बनाई जाती है और भारत के विरोध के बाद भी कनाडा कोई कार्रवाई नहीं करता है. 

गौरतलब है कि सितंबर 2023 में दोनों देशों के बीच के संबंधों में काफी तनाव आ गया था जब ट्रूडो की सरकार ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका का आरोप लगाया. इसी घटना के बाद से लगातार दोनों देशों के बीच बयानों का एक लंबा दौर चला.  

दूतावास के शिविरों पर पड़ा असर

इस बीच, लगातार सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं होने की वजह से भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनाडा में निर्धारित कांसुलर शिविरों को रद्द कर दिया है. बात दें कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को जानकारी दी थी कि वह शिविर के आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं. इसमें से एक शिविर ग्रेटर टोरंटो बनना था जहां पर 4,000 से अधिक भारतीय और कनाडाई वरिष्ठ नागरिकों को जरूरी कांसुलर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.  

बता दें कि भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से कनाडा में कांसुलर शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिसमें ओटावा में उच्चायोग वैंकूवर व टोरंटो में वाणिज्य दूतावास शामिल हैं. इस शिविर में भारतीय नागरिकों को जीवन प्रमाण पत्र जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए आयोजित किए जाते हैं. 

भारत और कनाडा के बीच अभी भी कूटनीतिक तनाव जारी है. संभव है कि कनाडा के रुख में  बदलाव के बाद संबंधों में सुधार का दौर चालू हो जाए, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. 
 

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article