यूपी में आत्मनिर्भर बने बुजुर्ग, दवाओं के खर्च के लिए गांव-गांव बेच रहे झाड़ू

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 07, 2025, 12:11 IST

Bahraich News: यूपी के बहराइच जनपद में एक बुजुर्ग दंपति झाड़ू बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. बुजुर्ग दंपति ने बताया कि वह इन झाड़ूओं को बेचकर अपने दवाओं के खर्चे को निकालते हैं. इस बुजुर्ग दंपति की कह...और पढ़ें

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बुजुर्ग

बुजुर्ग पति-पत्नि की कहानी!

हाइलाइट्स

  • बहराइच के बुजुर्ग दंपति झाड़ू बेचकर खर्च चलाते हैं.
  • बुजुर्ग दंपति अपने हाथों से झाड़ू बनाते और बेचते हैं.
  • झाड़ू बेचकर दवाओं और अन्य खर्चों का प्रबंध करते हैं.

बहराइच: यूपी के बहराइच शहर से दूर लगभग 60 किलोमीटर नेपाल बॉर्डर के पास सिरसिया जगह है. यहां एक बुजुर्ग पति-पत्नी रहते हैं, जो इन दिनों बहराइच शहर के सैयद सलार मसूद गाजी के स्थान पर झाड़ू बेचने का काम करते हैं. दरअसल, यह झाड़ू वह खुद अपने हाथों से बनाते हैं.

वहीं, सबसे खास बात यह है कि बुजुर्ग दंपति के जवान बेटे और बेटिया हैं. जो खाने-पीने की व्यवस्था देखते हैं, लेकिन बुजुर्ग पति-पत्नी ने बताया कि खर्च के लिए इनको खुद ही मेहनत करनी पड़ती है, जिसके लिए वह झाड़ू को बनाकर बेचते हैं. फिर ऊपर के खर्च दवा पानी सब इन्हीं पैसों से पूरा खर्चा चलाते हैं.

जानें क्यों करना पड़ा बुढ़ापे में ये काम

बुजुर्ग पति-पत्नी निसार और चांद बीबी ने बताया कि यह काम वह अपने शौक से नहीं, बल्कि मजबूरी में करते हैं. क्योंकि उनको इस काम से जो पैसा मिलता है. वह उस पैसे से घर का खर्चा और दवा के लिए खर्च करते हैं. ऐसा नहीं है कि बेटे खर्च पूरा नहीं करते हैं. दंपति ने बताया कि बेटे उनके खाने-पीने का खर्च देखते हैं. बाकी ऊपर के खर्चे वह इन्हीं पैसे से पूरा करते हैं.

झाड़ू बेचकर चलाते हैं खर्चा

बुजुर्ग दंपति ने बताया कि जब तक पैसे कौड़ी हाथ में थे. तब तक दिक्कत नहीं होती थी, लेकिन सारे पैसे बेटे-बेटियों की शादी में खर्च हो गए. उसके बाद से दिक्कतें आने लगी. जब कहीं-कहीं पैसे की कमी महसूस होने लगी तो उन्होंने सोचा कि उन्हें खर्चे के लिए कुछ काम करना चाहिए. इसके बाद से दोनों ने मिलक झाड़ू बनाना शुरू किया. इस काम में उनकी बहू भी मदद करती है. इन झाड़ूओं के बेचकर वह अपने दवाओं के लिए पैसा एकत्र करते हैं.

बुजुर्ग दंपति ने बताया कि जिस झाड़ू को बेचने के लिए वह जनपद के विभिन्न जगहों पर जाते हैं. साथ ही मेला लगने वाले स्थानों पर भी झाड़ू बेचने जाते हैं. जहां पर या झाड़ू अच्छे रेट में बिक जाती हैं. वह इन झाड़ूओं को 20 रुपए के हिसाब से बेचते हैं. इस तरह सुबह से  शाम तक 30 से 40 झाड़ू बेचते हैं. इन पैसों से वह अपनी दवाओं के खर्चे को पूरा करत हैं.

Location :

Bahraich,Uttar Pradesh

First Published :

February 07, 2025, 12:11 IST

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यूपी में आत्मनिर्भर बने बुजुर्ग, दवाओं के खर्च के लिए गांव-गांव बेच रहे झाड़ू

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