यूपी में एक साथ 100 लोगों पर हो गई FIR, धाराएं भी छोटी-मोटी नहीं.. कौन हैं ये?

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मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के ककरौली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव करने और जान से मारने की नीयत से हमला करने के आरोप में समाजवादी पार्टी (सपा) एवं आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के 100 से अधिक कथित कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. सपा और एआईएमआईएम के जिलाध्यक्षों का आरोप है कि पुलिस बुधवार को मीरापुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में मतदाताओं को वोट डालने से रोक रही थी. इसका विरोध करने पर झूठे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है.

अपर पुलिस अधीक्षक (देहात) आदित्य बंसल ने दावा किया कि ककरौली गांव में बुधवार शाम सपा एवं एआईएमआईएम के कार्यकर्ता आपस में झगड़ रहे थे और पुलिस जब बीच-बचाव करने पहुंची तो मौके पर मौजूद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस दल पर पथराव कर दिया.

उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने बुधवार देर रात सपा के 15 और एआईएमआईएम के 10 नामजद तथा 90 से ज्यादा अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 (हत्या का प्रयास), 115 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 121 (सरकारी काम में बाधा डालना), 125 (किसी व्यक्ति की जान या सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डालना), 131 (किसी व्यक्ति पर गंभीर और अचानक उकसावे के अलावा हमला करने या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 132 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके काम करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करना) 190 (गैर कानूनी तरीके से भीड़ जुटाना), 191 (दंगा), 223 (सरकारी आदेशों का पालन न करना), 351 (किसी व्यक्ति के सम्मान को नुकसान पहुंचाना) और 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही शुरू की है.

इस बीच, सपा के जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस लोगों को वोट डालने से रोक रही थी. यहां तक कि ककरौली के थानाध्यक्ष राजीव शर्मा ने पिस्टल लहराते हुए मतदाताओं को आतंकित किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

उन्होंने कहा कि इसका विरोध करने पर पुलिस ने झूठे आरोपों में मुकदमा दर्ज करवा दिया है, जिन 15 नामजद आरोपियों को सपा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, वे दरअसल पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं. वे आम लोग हैं.

एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी ने बताया कि पुलिस मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में मान्य दस्तावेज होने के बावजूद मतदाताओं को वोट डालने से रोक रही थी. इसी का विरोध करने पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस पर पथराव का आरोप गलत है.

Tags: Muzaffarnagar news, Muzaffarnagar Police, UP police

FIRST PUBLISHED :

November 21, 2024, 15:06 IST

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