ये गाय बहाती हैं दूध की नदियां, महीने के 60 हजार कहीं नहीं गए

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 08, 2025, 23:05 IST

Cow Variety Sahiwal Gir : सफल डेयरी उद्योग के लिए सबसे जरूरी गाय की नस्लों का चुनाव है. ऐसे गाय मिल जाएं जो कम कीमत में खरीदी जा सकें और दूध भी अधिक देती हों तो कहने ही क्या हैं. डेरी उद्योग तेजी से फैल रहा है....और पढ़ें

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डेरी

डेरी उद्योग

हाइलाइट्स

  • गिर नस्ल की गाय एक दिन में 15 लीटर दूध देती है.
  • साहीवाल गाय एक दिन में 20-25 लीटर दूध देती है.
  • डेयरी प्रोडक्ट्स से महीने में 50-60 हजार कमा सकते हैं.

आजमगढ़. हमारे यहां पुराने समय से घरों में गाय और भैंस जैसी पशुओं का पालन होता चला आया है. बदले समय में पशुपालन व्यापार में बदल चुका है. आज पशुपालन एक बढ़ते और बेहतर होते रोजगारों में से एक है. भारतीयों की इसमें दिलचस्पी का नतीजा है कि दूध उत्पादन में हमारे देश का पहले नंबर पर होना. पशुपालन या डेरी उद्योग कमाई के लिहाज से बेहतर विकल्प है. डेरी फार्म खोलने के लिए गायों की जानकारी होना आवश्यक है. अधिक लाभ कमाने के लिए अच्छी नस्ल की गायों का होना जरूरी हैं. क्योंकि ये गाय डेरी बिजनेस को परवान चढ़ा सकती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि डेरी उद्योग के लिए सबसे बेहतर गायें कौन सी होती हैं.

गिर नस्ल

पिछले कुछ वर्षों से हमारे देश में गिर नस्ल की गाय को खूब पसंद किया जा रहा है. आजमगढ़ में डेयरी उद्योग का संचालन कर रहे आनंद कुमार सिंह बताते हैं कि डेरी उद्योग के लिए गिर नस्ल की गाय सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ये नस्ल डेरी उद्योग के लिए और दूध उत्पादन के लिए बेहतरीन है. गिर नस्ल की गाय एक दिन में लगभग 15 लीटर तक दूध दे सकती है. ये बेहद शांत स्वभाव की गाय मानी जाती है. गिरी नस्ल की गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है.

साहिवाल गाय

साहीवाल गाय भारत में पाई जाने वाली बेहतरीन नस्लों में से एक है. ये मुख्य रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाई जाती है. बिहार में भी इसे आसानी से पाला जा सकता है. साहीवाल गाय एक दिन में 20-25 लीटर तक दूध देती है और लगभग 10 महीने तक दूध देती रहती है. इसकी उच्च दुग्ध क्षमता के कारण ये डेरी उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त गायों में से एक है.

इतनी कमाई

आमतौर पर डेरी फार्म में गायों का दूध निकाल कर उन्हें बाजार या दूध समितियां में बेच दिया जाता है. इससे डेरी उद्योग को लागत अनुसार मुनाफा कम मिलता है. ऐसे में डेरी से अधिक लाभ लेने के लिए दूध के अलावा दूध से तरह-तरह के डेरी उत्पाद बनाए जा सकते हैं. जैसे पनीर, खोवा, छेना, दही लस्सी और छाछ. ये सभी मार्केट में अच्छे दामों पर बिकते हैं. इन गायों के दूध से डेयरी प्रोडक्ट्स तैयार कर महीने में 50 से 60 हजार रुपये तक आसानी से कमाया जा सकता है.

Location :

Azamgarh,Uttar Pradesh

First Published :

February 08, 2025, 23:05 IST

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