Jharkhand Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. जेएमएम और भाजपा की टक्कर ने इसे और रोचक बना दिया है. कुछ ऐसा ही हजारीबाग जिले की बरकट्ठा विधानसभा के साथ भी है. दरअसल, इस सीट पर बीते 15 साल से एक ही गांव के चाचा-भतीजे का दबदबा है. पार्टी कोई भी हो, चुनाव यही लड़ते हैं और हर बार इनमें ही से कोई विधायक तो कोई नजदीकी प्रतिद्वंद्वी रहता है. लेकिन, इस बार समीकरण कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं.
दरअसल, चाचा कहने वाले जानकी प्रसाद यादव 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा से प्रत्याशी थे, लेकिन तब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भतीजे कहे जाने वाले अमित कुमार यादव ने उन्हें शिकस्त दी थी. वर्तमान में अमित ही यहां से सिटिंग एमएलए हैं. 2024 के चुनाव में समीकरण बदल गया है. अब चाचा ने जेएमएम का दामन थाम लिया है तो भतीजे को बीजेपी ने टिकट दे दिया है. ऐसे में वोटरों का ऊंट किस करवट बैठेगा, इसकी गणित पूरी विधानसभा लगा रही है.
इसलिए कहे जाते हैं चाचा-भतीजा
बता दें कि बरकट्ठा विधानसभा सीट पर साल 2005 से अभी तक विधायकी अमित के परिवार या जानकी प्रसाद यादव के पास ही रही है. इस दौरान अमित के पिता चितरंजन यादव बीजेपी से एक बार विधायक चुने गए थे. फिर बेटे अमित यादव एक बार बीजेपी तो एक बार निर्दलीय विधायक रहे. वहीं, जानकी प्रसाद यादव बतौर जेवीएम (पी) प्रत्याशी एक बार विधायक चुने गए. जानकी यादव आरजेडी और बीजेपी से भी चुनाव लड़ चुके हैं. बता दें कि अमित कुमार यादव और जानकी प्रसाद यादव चलकुसा प्रखंड के चटकरी गांव के रहने वाले हैं. एक गांव के होने के कारण इलाके में बोल चाल की भाषा में लोग इन्हें चाचा-भतीजा कहते हैं.
पिछले कुछ चुनाव परिणामों के आंकड़े
2019 के चुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अमित यादव ने बीजेपी के जानकी यादव को 24,812 वोटों से हरा दिया था. इस चुनाव में अमित को 72,572 तो जानकी को 47,760 मत मिले थे. वहीं, 2014 के चुनाव में जानकी यादव को 63,336 वोट मिले थे और अमित 8,207 मतों से चुनाव हार गए थे. अमित के खाते में कुल 55,129 वोट आए थे. 2009 के चुनाव के दौरान अमित के पिता और तत्कालीन विधायक चितरंजन यादव बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन, चुनाव प्रचार के दौरान ही अचानक उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद आनन-फानन में बीजेपी ने अमित को चुनाव में उतारा और जेवीएम (पी) के जानकी यादव को 9,368 वोटों के अंतर से पराजित कर दिया. इससे पहले 2005 के चुनाव में चितरंजन यादव बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. निर्दलीय प्रत्याशी दिगंबर मेहता दूसरे और आरजेडी प्रत्याशी जानकी यादव तीसरे स्थान पर रहे थे. जानकी ने पहला चुनाव साल 2000 में आरजेडी के टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में सीपीआई प्रत्याशी भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को जीत मिली थी.
‘जनता रिपीट करेगी यह सरकार’
जेएमएम प्रत्याशी जानकी यादव ने लोकल 18 को बताया कि पिछले पांच साल में इलाके में विकास का कोई काम नहीं हुआ है. बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा हूं. जीतने के बाद प्राथमिकता के साथ इस पर काम करूंगा. बारहों महीना जनता के बीच रहता हूं. उनके हर सुख-दुख में शामिल हूं. इसी उम्मीद पर वोट मांगने जाऊंगा. हेमंत सरकार के इस कार्यकाल में झारखंड के इतिहास में सबसे उमदा काम हुआ है. महिलाएं मंईयां योजना से लाभान्वित हो रही हैं. इनके खाते में दिसंबर से हर माह 2500 रुपये आने लगेंगे. वहीं, 200 यूनिट फ्री बिजली सरकार का ऐतिहासिक फैसला है. जनता इसी सरकार को रिपीट करने जा रही है.
‘सरकारी दफ्तर में घूसखोरी’
वहीं, वर्तमान विधायक और बीजेपी प्रत्याशी अमित यादव ने कहा कि उनके प्रयास से इलाके में सड़कों का जाल बिछा है. गांव को पक्की सड़क से जोड़ा गया है. पेयजल की समुचित व्यवस्था हुई है. इस बार मौका मिलने पर बिजली की चरमराई व्यवस्था को दुरुस्त करना, किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाना, इलाके से पलायन रोकने के लिए उद्योग लगाना उनकी प्राथमिकता होगी. राज्य की हेमंत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने आगे कहा, यह सरकार कुशासन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का पर्याय साबित हुई है. सरकार की मंशा महिलाओं को पेंशन देने की होती तो कोरोना काल में योजना लाती. तब लोगों को केंद्र की मोदी सरकार के राशन से राहत मिली थी. ब्लॉक, थाना सहित सरकारी दफ्तरों में बगैर पैसा के कोई काम नहीं होता है.
ये दो प्रत्याशी बदल सकते हैं समीकरण
जानकार बताते हैं कि 2024 का चुनाव अमित और जानकी के अलावा दो और प्रत्याशियों की वजह से रोमांचक बनता दिख रहा है. बीजेपी से टिकट की रेस में शामिल बरकट्ठा जिला परिषद (भाग-8) सदस्य कुमकुम देवी ने टिकट कटने पर लोकहित अधिकार पार्टी से दावा ठोक दिया है. वह बुधवार को नामांकन दाखिल कर चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. कुमकुम देवी के नाम झारखंड में सबसे अधिक मतों के अंतर से जिला परिषद चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है. वहीं, 2019 चुनाव में जेवीएम (पी) से 33,500 से अधिक वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहने वाले बटेश्वर प्रसाद मेहता ने भी नॉमिनेशन के लिए पर्चा खरीद लिया है. उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरने की घोषणा की है. बाबूलाल मरांडी के करीबी होने के नाते इन्हें भी बीजेपी के टिकट का दावेदार माना जा रहा था. इचाक इलाके में इनकी खासी पकड़ मानी जाती है. बता दें कि इस सीट पर पहले चरण में 13 नवंबर को वोटिंग होगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 06:44 IST