Ratan Tata Memories: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनका निधन देश के साथ-साथ उद्योग जगत के लिए भी एक बड़ी क्षति है. निजी जिंदगी के अलावा प्रोफेशनल लाइफ में भी रतन टाटा की विनम्रता देखने को मिलती थी इसलिए भारत के उद्योग जगत में उनका बड़ा सम्मान किया जाता था. देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने उनकी शालीनता से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया. नारायण मूर्ति और रतन टाटा के बीच काफी गहरी दोस्ती थी. चूंकि, इंफोसिस और टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज (TCS) दोनों आईटी सेक्टर की कंपनी हैं और दोनों के बीच तगड़ा कॉम्पिटिशन रहता है. हालांकि, बिजनेस में कॉम्पिटिशन होने के बावजूद नारायण मूर्ति और रतन टाटा के रिश्ते बहुत अच्छे थे.
नारायण मूर्ति ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
एनआर नारायण मूर्ति ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख जताया. उन्होंने 30 साल से ज्यादा समय तक रही रतन टाटा के साथ उनकी दोस्ती से जुड़ी दिलचस्प बातें बताईं. नारायण मूर्ति ने कहा कि रतन टाटा बेहद क्षमतावान, विनम्र, शिष्टाचार, जिज्ञासु, देशभक्त और शालीन व्यक्ति थे. नारायण मूर्ति ने रतन टाटा के साथ बिताए एक यादगार लम्हे के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “2004 में इंफोसिस में जमशेदजी टाटा रूम का उद्घाटन करने के लिए रतन टाटा जी को आमंत्रित किया गया. इस निमंत्रण पर उनके रिएक्शन ने उनकी विनम्रता और शालीनता को दर्शाया. दरअसल रतन टाटा हैरान थे कि क्योंकि जिस आईटी कंपनी (TCS) का उन्होंने नेतृत्व किया, वह इंफोसिस की प्रतिस्पर्धी कंपनी है.
संभाली जमशेदजी की विरासत
नारायण मूर्ति ने बताया कि टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता से परे थे. वह महत्वपूर्ण देशभक्त थे, और उन्हें लगा कि रतन टाटा, जमशेदजी की विरासत का सम्मान करने के लिए सबसे सही व्यक्ति थे.
ईटी नाउ को नारायण मूर्ति ने बताया कि जब रतन टाटा को आमंत्रित किया तो उन्होंने कहा, “देखो, मुझे यह कुछ हद तक असामान्य लगता है क्योंकि टीसीएस आपकी प्रतिस्पर्धी कंपनी है. मैंने कहा, नहीं, रतन, जमशेदजी सभी भारतीय कंपनियों से आगे हैं.”
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FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 12:44 IST